विधानमंडल के मानसून सत्र में नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय ने परिषदीय प्राइमरी स्कूलों के मर्जर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 10 हजार सरकारी विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। आखिर 50 बच्चों का मानक तय करने की क्या जरूरत है। बाल वाटिका तो ठीक है लेकिन छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को स्कूल में प्रवेश न देना गलत है। उन्होंने बाढ़ से परेशानी का मुद्दा भी उठाया और कहा कि नेपाल के पानी से पूर्वांचल के जिलों में बाढ़ आती है। ऐसे में वहां सरकार से बात कर बांध की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कानून -व्यवस्था बनाने को एनकाउंटर करना ठीक नहीं है। मत्स्य मंत्री संजय निषाद से कहा कि जो सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं उनमें निषाद समाज के भी बच्चे पढ़ने जाते हैं। नेता विरोधी दल को भाषण छोटा करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने टोका तो उन्होंने सत्तापक्ष की ओर देखते हुए कहा कि अभी तो माहौल ठंडा-ठंडा ही है। अभी गर्माया कहां हैं। ऐसे में अभी मेरा भाषण जारी रहने दीजिए।


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