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कार्यालय का कामकाज निपटा रहे शिक्षक

बीएसए ऑफिस में रिक्त हैं जिला समन्वयक के तीन पद, ब्लॉकों में भी खाली हैं कुर्सियां

बहराइच। जिले में बच्चों की पढ़ाई सुधारने और स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए चल रहा सर्व शिक्षा अभियान खुद ही बदहाल है। कर्मचारियों की कमी से कार्यालय का कामकाज अब शिक्षकों के जिम्मे कर दिया गया है। नतीजा न तो कार्यालय का काम ठीक से हो पा रहा है और न ही बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दिया जा रहा है। बीएसए ऑफिस में जिला समन्वयक के तीन पद रिक्त हैं, वहीं ब्लॉकों में भी कुर्सियां खाली हैं।

योजना के मुताबिक जिले में जिला समन्वयक के 7 पद होने चाहिए, लेकिन 3 पद काफी समय से रिक्त हैं। हर ब्लॉक में लिपिक, लेखाकार, कंप्यूटर ऑपरेटर और एक अन्य स्टाफ की तैनाती जरूर होनी चाहिए। मगर हकीकत में सिर्फ कैसरगंज ब्लॉक में एक अकाउंटेंट है। जिले के पयागपुर, महसी, मिहींपुरवा, शिवपुर, बलहा, नवाबगंज, रिसिया, विशेश्वरगंज, तेजवापुर, जरवल और हुजूरपुर जैसे विकासखंडों में तो शिक्षकों को ही लिपिक की कुर्सी पर बैठाकर फाइलों और हिसाब-किताब का काम कराया जा रहा है।

जिन हाथों में बच्चों के लिए किताब और कलम होनी चाहिए, वे अब कागजात, बिल-बाउचर और रजिस्टर

संभाल रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि एक तरफ उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण और निरीक्षण का काम करना पड़ता है, दूसरी तरफ कार्यालय की जिम्मेदारियां दे दी जाती हैं। इससे स्कूल का माहौल और शिक्षा की गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक खाली पद भरने की फाइलें महीनों से अटकी हैं। अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो इसका असर सीधे तौर पर गांव-गांव में पढ़ रहे हजारों बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा।

शासन को लिखा है पत्र बीएसए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष सिंह का कहना है कि जिला समन्वयक व अन्य कर्मचारियों के रिक्त पदों के मामले में शासन को पत्र लिखा गया है। कई बार राज्यस्तरीय बैठकों में भी जानकारी दी गई है। कोशिश है कि जल्द से जल्द रिक्त पदों पर कर्मचारियों की तैनाती हो जाए।

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