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स्कूलों के विलय से जुड़ी प्रक्रिया बाढ़ के कारण हो रही प्रभावित

स्कूलों के विलय से जुड़ी प्रक्रिया बाढ़ के कारण हो रही प्रभावित,एक किमी से ज्यादा दूरी और 50 से ज्यादा नामांकन वाले स्कूलों का रद्द होना है विलय


लखनऊ। प्रदेश में लगभग दो दर्जन जिले इस समय बाढ़ से प्रभावित हैं। इसका असर बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से चल रही विलय की प्रक्रिया पर भी पड़ रहा है। इन जिलों के बीएसए की ओर से विभाग से समय बढ़ाने की मांग की गई है। ऐसे में इस प्रक्रिया को पूरा करने में अभी थोड़ा और समय लगेगा।

प्रदेश में लगभग डेढ़ महीने से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) की प्रक्रिया चल रही है। जिलों से मिली सूचना व विरोध के बाद एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी और 50 से ज्यादा नामांकन वाले विद्यालयों का विलय निरस्त करने का निर्देश दिया गया है। इस पर तेजी से काम भी शुरू हुआ।

कई जिलों में यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसके तहत कहीं 30 तो कहीं 40 स्कूलों का विलय निरस्त किया गया है। ऐसे में लगभग दो से तीन हजार विद्यालयों का विलय निरस्त होने की संभावना है।

वहीं इसी बीच बनारस, प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, जालौन,

औरैया, आगरा, कानपुर देहात, फतेहपुर, बलिया आदि पूर्वांचल के कई जिलों में आई बाढ़ से विलय की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। कुछ जिलों में मानक के विपरीत हुए विद्यालयों का विलय निरस्त कर दिया गया है। तो कुछ जगह पर इसकी प्रक्रिया नहीं पूरी हो पाई है। इसका कारण विभाग के अधिकारियों की बाढ़ प्रभावित जिलों में ड्यूटी लगना और स्कूलों का बंद होना, उनका सेल्टर बनना भी है।

इसी तरह जिन विद्यालयों का विलय किया गया, उनमें से कई स्कूलों में शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया गया है। क्योंकि उनकी ड्यूटी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लगी हुई है। कुछ जिलों के बीएसए ने निदेशालय को भी पत्र भेजकर इसके लिए समय मांगा है। वहीं विभागीय अधिकारी भी मान रहे हैं कि एक सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाएगी। इसमें अभी थोड़ा समय और लगेगा। उसके बाद भी संख्या स्पष्ट होगी

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