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यूपी में तीन हजार शिक्षकों का भविष्य दांव पर, मानव संपदा पोर्टल पर गड़बड़ियां बनी परेशानी


बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज सेवा पुस्तिकाओं में गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। गलत कैडर, त्रुटिपूर्ण नियुक्ति तिथि और अधूरी प्रविष्टियों की वजह से करीब तीन हजार शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं।

कैडर प्राथमिक विद्यालय सहायक अध्यापक दर्ज

जानकारी के मुताबिक, जिन शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी, उन्हें पोर्टल पर प्रधानाध्यापक या सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय के पद पर दिखाया गया है। वहीं, वर्ष 29,334 गणित- विज्ञान भर्ती के अंतर्गत नियुक्त कई शिक्षकों को सीधे उच्च प्राथमिक विद्यालय सहायक अध्यापक के पद पर लाया गया था, लेकिन पोर्टल पर उनका कैडर प्राथमिक विद्यालय सहायक अध्यापक दर्ज है।

शिक्षकों के भविष्य पर भी सवाल

यही नहीं, कई शिक्षकों और कर्मचारियों के इनिशियल कैडर की प्रविष्टि खाली पड़ी है। नियुक्ति तिथि और कार्यभार ग्रहण तिथि तक में भारी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। यह स्थिति न केवल वेतनमान और पदोन्नति जैसी प्रक्रियाओं में बाधा बन रही है बल्कि शिक्षकों के भविष्य पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही है।

महानिदेशक कार्यालय से की गईं गलत प्रविष्टियां

शिक्षक लंबे समय से इस त्रुटि को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं। कई बार खंड शिक्षा अधिकारी स्तर पर प्रार्थना पत्र भी दिए गए, लेकिन हर बार एनआईसी लखनऊ का हवाला देकर जिम्मेदारी टाल दी जाती रही। बताया जा रहा है कि गलत प्रविष्टियां महानिदेशक कार्यालय से की गईं।

ऑनलाइन प्रविष्टियों को ही वैध माना

मानव संपदा पोर्टल का उद्देश्य विभागीय कार्यों को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना था। इसके तहत शिक्षकों और कर्मचारियों के अवकाश, वेतन, एरियर, स्थानांतरण, चयन वेतनमान तक की प्रक्रिया इसी पोर्टल पर अनिवार्य कर दी गई थी। यहां तक कि ऑफलाइन सेवा पुस्तिकाओं को निरस्त मानते हुए केवल ऑनलाइन प्रविष्टियों को ही वैध माना गया।

जल्द ही कार्रवाई की उम्मीद

अब स्थिति यह है कि पोर्टल की गलतियों के चलते कई शिक्षक चयन वेतनमान सहित विभिन्न विभागीय लाभों से वंचित हैं। 10 वर्षों की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को चयन वेतनमान मंजूरी की प्रक्रिया भी इसी पोर्टल से होती है, लेकिन त्रुटिपूर्ण डेटा इसमें बाधा बन रहा है। शिक्षकों का कहना है कि यदि त्रुटियों को समय रहते ठीक नहीं किया गया तो हजारों का भविष्य प्रभावित होगा। विभागीय स्तर पर जल्द ही इस पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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