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लखनऊ के 50 प्राइमरी स्कूल एक शिक्षक के भरोसे, चार में एक भी नहीं

लखनऊ। शिक्षकों के समायोजन के बाद मर्जर खत्म होने से चार प्राइमरी स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं। वहीं 50 प्राइमरी स्कूल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। ये शिक्षक दिन भर विभागीय काम काज निपटाने के साथ सभी क्लास के बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। 169 स्कूलों के विलय के बाद स्वैच्छिक समायोजन में 80 शिक्षकाें ने मनचाहे स्कूल में तैनाती ले ली। अब करीब 127 स्कूलों का विलय निरस्त कर यहां दोबारा से कक्षाएं शुरू हो गई हैं। बच्चे आने लगे, लेकिन समायोजन में गए शिक्षकों के वापस नहीं आने से बच्चों की पढ़ाई का संकट गहरा गया है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने से अभिभावक खासा नाराज हैं। दूसरे जिलों में शिक्षकों के समायोजन खत्म कर मूल स्कूलों में भेज दिया गया है, लेकिन लखनऊ में अभी तक किसी शिक्षक को मूल स्कूल नहीं भेजा गया है।



बीएसए ने जून के आखिर में लखनऊ के 50 से कम छात्र संख्या वाले 169 प्राइमरी स्कूलों का विलय का आदेश जारी किया था। एक जुलाई से इन स्कूलों के बच्चों की कक्षाएं नए विद्यालय में में शुरू हुईं। बेसिक शिक्षा विभाग ने दो चरण में इन स्कूलों के सर प्लस करीब 80 शिक्षकों का मनचाहे स्कूल में समायोजन कर दिया। शिक्षकों ने नए स्कूलों में ज्वाइन कर लिया। वहीं ज्यादा दूरी, बीच में रेलवे लाइन, जंगल, नहर, नाला आदि दिक्कतों के चलते भारी संख्या में बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी।






स्थायी शिक्षक नहीं

माल के गोडवा बरोक, शंकरपुर और मुन्नू खेड़ा अपर प्राइमरी स्कूल में स्थायी शिक्षक नहीं हैं। सेवानिवृत्त व तबादला से कोई स्थायी शिक्षक नहीं बचा है। बीईओ ने दूसरे स्कूल के शिक्षक सम्बद्ध किये हैं।






सरोजनीनगर के वादेखेड़ा प्राइमरी स्कूल में दो शिक्षिका थीं। एक समायोजन में दूसरे स्कूल चली गईं। दूसरी एआरपी बनकर चली गईं। शिक्षा मित्र पढ़ा रहे हैं।




एक-दो स्कूल छोड़ अन्य विद्यालयों में शिक्षकों की कमी नहीं है। छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षक हैं। शिक्षकों को स्वैच्छिक समायोजन में नए स्कूल नहीं भेजा गया। -राम प्रवेश, बीएसए






सरोजनीनगर के प्राइमरी स्कूल नारायणपुर-एक में एक शिक्षिका थी। निलंबन के बाद बहाल होकर दूसरे स्कूल में तैनाती पा गईं। स्थायी शिक्षक नहीं है।




माल के सुरतीखेड़ा में दो शिक्षक थे। एक समायोजन में दूसरे स्कूल चले गए। एक एआरपी बनकर दूसरे ब्लॉक में तैनात हैं। अब कोई स्थायी शिक्षक नहीं है।




काकोरी स्थित चतुरीखेड़ा प्राइमरी स्कूल में तैनात शिक्षिका एआरपी बन गईं।

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