गंगापार, बुनियादी शिक्षा को हाईटेक बनाने के नाम पर जहां केन्द्र व प्रदेश सरकार कायाकल्प सहित अन्य योजनाओं के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर दे रही है, वहीं शिक्षक-शिक्षिकाओं के अभाव में परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। कुछ इसी तरह का हाल प्राथमिक विद्यालय टेसहिया का है, जहां एक शिक्षक के भरोसे पांच कक्षाओं का संचालन करवाया जा रहा है। इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग के बेसिक शिक्षाधिकारी सहित अन्य उच्चाधिकारियों को दी गई है, लेकिन उक्त विद्यालय में शिक्षक की तैनाती नहीं की जा सकी। प्राथमिक विद्यालय टेसहिया में कार्यरत शिक्षक सरफराज ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें लेकर दो शिक्षक कार्यरत थे, जिसमें अधिकारियों के आदेश पर शिक्षिका बंदना सोनकर की तैनाती बाल सुधार गृह प्रयागराज में कर दी गई।
इस शिक्षिका की वहां तैनाती हो जाने के बाद आज तक किसी शिक्षक को उनके स्थान पर नहीं भेजा जा सका, जबकि ऐसा आदेश है कि कोई विद्यालय एकल नहीं होना चाहिए। बताया कि उनके पत्र को संज्ञान लेते हुए बीई ओ उरूवा ने बेसिक शिक्षाधिकारी को पत्र लिखकर शिक्षक की तैनाती किए जाने का अनुरोध कर रखा है, लेकिन उनकी बात को तवज्जों आज तक नहीं मिल सकी। बताया कि आठ जुलाई 2025 को पत्र के माध्यम से बीईओ उरूवा, बेसिक शिक्षाधिकारी प्रयागराज, सहित शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा सचिव सहित अन्य संबधित को पत्र भेज रखा है। प्राथमिक विद्यालय तक पहुंचने का रास्ता तक नहीं है, बच्चे खेत के मेड़ से होकर स्कूल जाते हैं, जिससे जहरीले जन्तुओं का खतरा बना हुआ है। इसी तरह का हाल प्राथमिक विद्यालय चोरबना में तैनात शिक्षकों का है, जहां दो शिक्षक व एक शिक्षा मित्र तैनात हैं, दो दिन पूर्व उक्त विद्यालय में तैनात दोनों शिक्षकों की ड्यिूटी किसी परीक्षा में लगा दी गई, शिक्षा मित्र की तबियत अचानक खराब हो गई, बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं था, सिर्फ रसोईयां का कार्य करने वाली दायिओं ने किसी तरह स्कूल पहुंचे बच्चों को दोपहर बारह बजे तक बैठाए रखा, इसके बाद छोड़ दिया। उरूवा के कई विद्यालयों में देखा जाए तो बच्चों के भविष्य के प्रति खिलवाड़ किया जा रहा है।


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