👇Primary Ka Master Latest Updates👇

सरकारी कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई एक वर्ष से अधिक न चले'

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई एक वर्ष से अधिक नहीं चलनी चाहिए।


अदालत ने माना कि कर्मचारी पर कार्रवाई की तलवार को अनिश्चित काल तक लटकाए रखना न्याय के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है। जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने इस संबंध में सात दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें स्पष्ट किया गया कि यदि जांच या कार्रवाई एक वर्ष से अधिक बिना उचित कारण लंबी खिंचती है तो स्वयं रद मानी जाएगी और संबंधित विभागीय अधिकारी के खिलाफ विपरीत निष्कर्ष निकाला जाएगा।

एक मामले का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि एक कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई 13 साल तक चलती रही। कर्मचारी वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हो गया, जबकि उसे आरोप पत्र 2009 में सौंपा गया यानी घटना (2002-03) के करीब छह साल बाद। जस्टिस बराड़ ने कहा कि आरोप पत्र सेवानिवृत्ति के तीन साल बाद जारी किया गया, जो अनुचित व अस्वीकार्य है। हर कर्मचारी का यह वैध अधिकार है कि उसके खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक कार्रवाई जल्द पूरी हो। जब इसमें देरी होती है तो यह यातना का उपकरण बन जाती है।

कोर्ट ने कहा कि विभागीय कार्रवाई का समय पर पूरा होना अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का हिस्सा है। कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ को आदेश दिया कि आरोप पत्र उचित समय में जारी किया जाए।

जांच छह माह के भीतर पूरी हो। दंड देने वाला अधिकारी तीन माह में निर्णय दे। बिना कारण देरी होने पर कार्रवाई अमान्य मानी जाएगी। कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ के मुख्य सचिवों व सलाहकार को छह सप्ताह में अनुपालन आदेश जारी कर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए..


लंबी अवधि तक निलंबन के बताने होंगे कारण

कोर्ट ने लंबी अवधि तक निलंबन पर कहा कि अक्सर कर्मचारी को वर्षों तक निलंबित रखा जाता है, जबकि विभागीय कार्रवाई सुस्त गति से चलती है। निलंबन का अर्थ यह नहीं कि उसे अनिश्चितकाल तक सेवा से दूर रखा जाए। यदि आरोप इतने गंभीर हैं कि कर्मचारी को बहाल नहीं किया जा सकता, तो विभाग को इसके उचित कारण बताने होंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,