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कुछ अलग: लॉकर में रखा सामान गायब हुआ तो बैंक को भुगतना होगा

अगर किसी ग्राहक के लॉकर से बैंक की लापरवाही के कारण चोरी होती है या फिर लॉकर में रखी सामग्री को नुकसान होता तो बैंक को लॉकर किराए का 100 गुना तक हर्जाना देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2026 में बैंक लॉकर समेत कई नए नियम लागू करने जा रहा है।







आरबीआई ने कहा कि जनता और बैंकों के सुझावों पर विचार करने के बाद 1 जनवरी 2026 से 1 अप्रैल 2026 के बीच कई नए नियम लागू किया जाएंगे। आरबीआई ने 238 नए बैंकिंग नियमों का ड्राफ्ट जनता के लिए जारी किया है और इस पर 10 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं।






लॉकर रूम में बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य : आरबीआई ने निर्देश दिए हैं कि बैंकों के लॉकर रूम तक किसी की भी पहुंच बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद ही हो। साथ ही बैंकों को सुरक्षा कैमरे लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को इनकी फुटेज कम से कम 180 दिनों तक सुरक्षित रखनी होगी। हर बार लॉकर में प्रवेश करने पर ग्राहक को एसएमएस या ईमेल से सूचित किया जाना चाहिए।






लॉकर समझौते में बैंक पिछड़े : जनवरी 2023 में आरबीआई ने सभी बैंकों को मौजूदा लॉकरधारकों के साथ नए समझौते करने का निर्देश दिया था। हालांकि, अब भी बैंक 20 प्रतिशत से अधिक लॉकरधारकों से नए समझौते नहीं कर पाए हैं।




केवाईसी सरल होगी






नए नियमों में कवाईसी प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा। सामान्य खातों के लिए केवाईसी हर 10 साल में एक बार करनी होगी। मध्यम जोखिम वाले खातों के लिए हर आठ साल और उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के लिए हर दो साल में यह केवाईसी करनी होगी।




ऋण के नियमों में सुधार






अब सभी बैंकों को ब्याज दर तय करने के लिए एक समान फॉर्मूला अपनाना होगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही सभी तरह के ऋण पर पूर्वभुगतान जुर्माना खत्म कर दिया जाएगा।




साइबर ठगी के मामलों की अनदेखी पर जुर्माना



आरबीआई ने कहा है कि अगर किसी ग्राहक के खाते से साइबर धोखाधड़ी होती है और वह इसकी जानकारी तीन दिनों के अंदर बैंक को देता है तो उसकी जवाबदेही शून्य मानी जाएगी। ऐसे में ग्राहक को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। इसके साथ ही अगर बैंक ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो उन पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।




घर पर ही बैंकिंग सुविधाएं

70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के ग्राहकों को घर बैठे ही बैंकिंग सुविधा देने का प्रस्ताव भी रखा गया है, यानी उन्हें बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं होगी। बैंक अधिकारी घर पर जाकर ही उन्हें जरूरी सेवाएं प्रदान करेंगे।

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