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शिक्षा विभाग के अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, वर्षों से लंबित है जांच

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने लंबित जांचों का विवरण किया तलब


प्रयागराज । बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में 70 से 80 अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होने के बावजूद कार्रवाई ठंडे बस्ते में है। विभागीय और विजिलेंस जांच की फाइलें वर्षों से धूल फांक रही हैं जबकि कई अफसर जांच झेलते झेलते सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।

गोंडा जिले के बीएसए का मामला फिलहाल चर्चा में है जिन पर फर्नीचर आपूर्ति के ठेके में दो करोड़ 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और 30 लाख रुपये एडवांस लेने के आरोप हैं। मामले में कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

इसी तरह पिछले वर्ष चंदौली जिले के पूर्व बीएसए का कमीशन मांगते ऑडियो वायरल हुआ था, लेकिन जांच के बाद भी कोई अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी।

सूत्रों के अनुसार, क्लास वन और टू के करीब 80 अधिकारियों पर विभागीय, विजिलेंस और ईओडब्लू की जांच पांच वर्षों से लंबित हैं। इनमें जिला विद्यालय निरीक्षक, बीएसए, डायरेक्टर और उप सचिव स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। इन पर फर्जी नियुक्तियां करने, कमीशन मांगने और पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने जैसे गंभीर आरोप हैं।

अब विभागीय उदासीनता पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने गंभीर आरोपों के बावजूद दोषी अफसरों पर सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे। लंबित सभी जांचों का विवरण तलब किया गया है (

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