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झटका : बीमा दबे पांव महंगा हो गया, जीएसटी शून्य होने पर भी देना पड़ रहा ज्यादा प्रीमियम

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने सितंबर में हेल्थ बीमा प्रीमियम पर 18 % के जीएसटी को शून्य कर दिया था, पर ग्राहकों को उसका लाभ नहीं मिल रहा। अधिकांश बीमा कंपनियों ने कुल प्रीमियम बीते वर्ष के मुकाबले बढ़ा दिया। यह बढ़ोतरी 10 से लेकर करीब 37% तक है।

वाहन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में बीते वर्ष के मुकाबले करीब 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। ‘हिन्दुस्तान’ ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में की गई बढ़ोतरी को लेकर एक बीमा पॉलिसी के पूरे ब्यौरे के साथ टाटा एआईजी को ई-मेल किया, जिसमें पूछा गया कि बीते वर्ष एक पॉलिसी का प्रीमियम 30,107 रु. था, जिसमें 18 % जीएसटी यानी 4592 रुपये शामिल था। सरकार ने जीएसटी को हटा दिया है तो अब प्रीमियम 25,515 रु. होना चाहिए, पर कंपनी 34,899 रु. मांग रही है। यह बढ़ोतरी 36.78%है। टाटा ही नहीं, दूसरी कंपनियों ने भी प्रीमियम में भारी बढ़ोतरी की है। कंपनी ने कहा, बढ़ोतरी इरडा के दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई। इस पर दोबारा मेल कर पूछा गया कि क्या प्रीमियम में 37% की बढ़ोतरी इरडा से अनुमति लेकर की गई है। इस पर कंपनी के प्रतिनिधि अंकित यादव का जवाब तो मिला, मगर गोलमोल।

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