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दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए ‘स्वयं लेखक’ सुविधा बहाल, परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दो नई शर्तें भी जोड़ी

प्रयागराज, । कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने दिव्यांग अभ्यर्थियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए ‘स्वयं लेखक’ सुविधा को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। आयोग ने यह निर्णय दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के नवीन दिशानिर्देशों के अनुपालन में लिया है। इस बार परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दो नई शर्तें भी जोड़ी गई हैं।


अब अभ्यर्थी अपने साथ लेखक ला aसकेंगे, लेकिन आयोग ने परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए लेखक की आयु और शैक्षणिक स्तर पर सख्त शर्तें लागू की हैं। नई व्यवस्था के अनुसार, मैट्रिक व इंटरमीडिएट स्तर की परीक्षाओं के लिए लेखक की अधिकतम आयु 20 वर्ष, जबकि स्नातक स्तर की परीक्षा के लिए अधिकतम 22 वर्ष तय की गई है। लेखक की शैक्षिक योग्यता परीक्षा के स्तर के अनुरूप होनी चाहिए ताकि परीक्षा प्रक्रिया पर कोई प्रश्नचिह्न न लगे। इसके साथ ही अभ्यर्थी की ओर से लाए गए लेखक को परीक्षा के समय आधार आधारित प्रमाणीकरण से गुजरना अनिवार्य होगा। प्रमाणीकरण विफल होने पर लेखक अयोग्य माना जाएगा और अभ्यर्थी को आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए लेखक का विकल्प चुनना होगा या फिर लेखक सुविधा का त्याग करना पड़ेगा।

एसएससी ने घोषित की 552 संभावित रिक्तियां

एसएससी ने संयुक्त हिंदी अनुवादक परीक्षा-2025 के लिए कुल 552 पदों की संभावित रिक्तियां घोषित की हैं। जारी विवरण के अनुसार, सामान्य वर्ग के लिए 240, अनुसूचित जाति के लिए 86, अनुसूचित जनजाति के लिए 38, ओबीसी के लिए 141, और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 47 पद निर्धारित हैं। यह भर्ती केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों में हिंदी अनुवादक पदों को भरने के लिए की जाएगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ये रिक्तियां अस्थायी हैं और विभागों से प्राप्त अंतिम आंकड़ों के आधार पर इनमें परिवर्तन संभव है।

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