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देशभर में एंबुलेंस का 112 नंबर होगा


नई दिल्ली। देशभर के राजमार्गों पर अब आपात स्थिति में 10 मिनट में एंबुलेंस मदद के लिए पहुंच जाएगी। इसके लिए केंद्र ने जीपीएस आधारित बेसिक लाइफ सपोर्ट रूटमैप तैयार किया है। इसके तहत राज्य एंबुलेंस सेवाओं 108 का आपातकालीन सेवा 112 में विलय किया जाएगा।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में तेलंगाना, यूपी, आंध्र प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों में राज्य एंबुलेंस सेवा 108 काम करती है। वहीं, गर्भवती महिलाओं की मदद के लिए 102 एबुलेंस सेवा है। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एंबुलेंस सहायता के लिए 1033 नंबर चल रहा है। ऐसी स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं में घायल अक्सर इस उलझन में पड़ जाते हैं कि एंबुलेंस के लिए किस नंबर पर कॉल करें। इस परेशानी को देखते हुए पूरे देश में एंबुलेंस सहायता के लिए आपातकालीन नंबर 112 शुरू किया जाएगा।

समय होता है बर्बाद : वर्तमान में संचालित अलग-अलग एंबुलेंस नंबरों 102, 108, 1033 और 112 के बीच समन्वय की कमी है। ऐसे में जब भी एंबुलेंस के लिए कॉल आती है तो एक से दूसरे नंबर पर कॉल ट्रांसफर करने में ही खासा समय बर्बाद हो जाता है।

ऑपरेटर करेगा विभागों के बीच समन्वय : अफसरों ने बताया कि 112 डायल करते ही स्मार्ट डिस्पैच सिस्टम सक्रिय होगा। कॉल सेंटर में बैठे ऑपरेटर के पास पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तीनों का कंट्रोल होगा। जीपीएस की वजह से दुर्घटनास्थल की सही लोकेशन मिल जाएगी। इससे तुरंत उन तक मदद पहुंचेगी। सुदूर क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने पर भी यह नंबर डायल हो सकेगा।

इस तरह से काम करेगी एकीकृत प्रणाली

● 112 डायल करते ही कॉल राज्य के सेंट्रल कमांड सेंटर में जाएगी
● ऑपरेटर जरूरत के मुताबिक कॉल को आगे ट्रांसफर करेंगे
● सभी राजमार्गों पर प्रत्येक 40-50 किलोमीटर की दूरी पर एंबुलेंस तैनात की जाएंगी
● जीपीएस ट्रैकिंग से हादसे के करीब वाली एंबुलेंस को सूचना दी जाएगी
● जीपीएस से ड्राइवर को जाम रहित मार्ग चुनने में मदद मिलेगी
● देश के किसी भी हिस्से में दुर्घटनास्थल पर महज 10 मिनट में एंबुलेंस मिल सकेगी

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