प्रयागराज। सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल के बेटे की सह अध्यापक पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर 14 लाख ठग लिए गए। आरोपियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से सोनभद्र के एक सरकारी विद्यालय में नियुक्ति के लिए दो पत्र भी दिए।
पीड़ित की शिकायत पर सिविल लाइंस पुलिस ने रविवार को मिर्जापुर के वासलीगंज निवासी मोहम्मद जमाल अख्तर और नैनी के एडीए कॉलोनी निवासी कौशलेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। शिकायत में बताया कि वर्तमान में जमाल लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में रहता है। मामला 2021 का है।
एफआईआर के मुताबिक, फाफामऊ गांव चंदापुर निवासी देवकी नंदन त्रिपाठी ने बताया कि वह यूपी पुलिस से वर्ष 2021 में हेड कांस्टेबल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। मिर्जापुर में तैनाती के दौरान जमाल और कौशलेश से मुलाकात हुई। दोनों अक्सर पुलिस कार्यालय आते रहते थे।
दोनों ने कहा कि अगर कोई सह अध्यापक बनना चाहता है कि वह
उसे परीक्षा में पास कराकर नियुक्ति पत्र दिला देंगे। शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी से पहचान है। झांसे में आकर उन्होंने कौशलेश से फोन कर कहा कि बेटा रोहित टीजीटी परीक्षा में सम्मिलित होना चाहता है।
इसके बाद उसने प्रयागराज के प्रधान डाकघर के पास बुलाया। वहां दोनों आरोपी ने कहा कि बेटे को परीक्षा में पास कराकर नियुक्ति पत्र के लिए 14 लाख रुपये देने होंगे।
एक हफ्ते बाद कौशलेश ने फोन कर अपने मकान पर बुलाया। वहां जमाल और उसकी पत्नी बानो साजिदा मिले। जमाल ने कहा कि बेटे की नियुक्ति की बात फाइनल हो चुकी है। उसके कहने पर आरटीजीएस, नकद और यूपीआई के माध्यम से 14 लाख रुपये दे दिए।
कुछ दिन बाद कौशलेश ने फोन पर कहा कि बेटा टीजीटी परीक्षा में पास हो गया है। इसके बाद मिर्जापुर में बेटे के घर के पते पर डाक के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज का एक नियुक्ति पत्र मिला। इस पर उप्र अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) के हस्ताक्षर भी बनाए गए थे।
इसमें सोनभद्र चहिरया राजकीय हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति की बात लिखी थी। बेटा गया तो पता चला कि इस पते पर इस नाम का विद्यालय नहीं है।


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