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शिक्षक दंपती समेत 5 पर चार्जशीट दाखिल

अमरोहा। प्रधानाध्यापक संजीव कुमार की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने स्कूल में ही तैनात सहायक अध्यापक राघवेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सरिता को आत्महत्या के लिए उकसाने और आरोपियों को शरण देने में दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर, गांव के पूर्व प्रधान समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए हैं, जबकि बीएसए डॉ. मोनिका सिंह को क्लीन चिट दे दी है।


मामले में स्टे की समय अवधि पूरी होने के बाद शिक्षक दंपती ने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना प्रत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान करीब दस दिन पहले शिक्षिका सरिता की अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है, जबकि बृहस्पतिवार को राघवेंद्र सिंह की अग्रिम जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी है। अब 15 दिसंबर को अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना प्रत्र पर सुनवाई होगी।

मूलरूप से बछरायूं थानाक्षेत्र के जमानाबाद गांव के रहने वाले शिक्षक संजीव कुमार अपनी पत्नी गीता देवी और दो बेटों के साथ गजरौला के सैफीनगर में रहते थे। 2011 से संजीव कुमार की सुल्तानपुर ठेर के परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। 2019 में यह स्कूल कंपोजिट विद्यालय हो गया। इसके बाद संजीव कुमार इसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक बन गए थे।

विद्यालय में संजीव कुमार के अलावा दो शिक्षामित्र, एक अनुदेशक समेत 12 शिक्षक तैनात हैं। यहीं पर राघवेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सरिता सिंह सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं। एक अक्तूबर से स्कूल आने का समय नौ बजे था, लेकिन संजीव कुमार सुबह सात बजे आ गए थे। उन्होंने अपने ही कक्ष में मेज पर खड़े होकर छत में लगे कुंडे में प्लास्टिक की रस्सी के सहारे फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली थी।

प्रधानाध्यापक संजीव कुमार के पास से दो पेज का सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने स्कूल में ही सहायक अध्यापक राघवेंद्र सिंह व उनकी सरिता सिंह और बीएसए से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी। सुसाइड नोट में शिक्षक दंपती की जांच सीबीआई से कराने की बात लिखी थी। इसके अलावा एक रजिस्टर भी मिला था। उसमें भी उन्होंने 18 पेज पर शिक्षक दंपती और बीएसए पर शोषण का आरोप लगाते हुए लिखा था।

मामले में पुलिस ने शिक्षक संजीव कुमार के बेटे अनुज कुमार की तहरीर पर बीएसए डॉ. मोनिका सिंह व शिक्षक दंपती के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। इसके बाद शिक्षक दंपती की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई दिन तक दबिश दी, लेकिन इस बीच पुलिस को चकमा देकर शिक्षक दंपती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। हाईकोर्ट ने 11 फरवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद विवेचक ब्रजेश कुमार सिंह ने बीएसए डॉ. मोनिका सिंह को क्लीनचिट देते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने में शिक्षक राघवेंद्र सिंह, उनकी पत्नी सरिता और शरण देने में राघवेंद्र सिंह का भाई दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर उमेश पाल सिंह व राजेंद्र उर्फ भूरे व गांव का पूर्व प्रधान पुत्र कुलवंत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल दिया था।

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