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प्रदेश में 67 हजार प्राइवेट स्कूलों में RTE के तहत मिलेगा प्रवेश, 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित

नि:शुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में दुर्बल और वंचित वर्ग के बच्चों को प्री-प्राइमरी और कक्षा एक में दाखिला दिलाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। हालांकि इस बार आवेदन प्रक्रिया पिछले सत्र की तुलना में देरी से शुरू हो रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार आरटीई पोर्टल में तकनीकी बदलाव और नए अपडेट किए जा रहे हैं। इन्हीं कारणों से आवेदन प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो सकी।

इस शैक्षणिक सत्र में प्रदेश भर के करीब 67 हजार निजी विद्यालयों को आरटीई पोर्टल पर मैप किया गया है। इन सभी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटें आरटीई के तहत आरक्षित की गई हैं।

पिछले शैक्षणिक सत्र में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए एक दिसंबर से आवेदन शुरू हो गए थे, लेकिन इस बार प्रक्रिया देर से शुरू होगी। जबकि नियमों के अनुसार शैक्षणिक सत्र शुरू होने से कम से कम चार महीने पहले आरटीई प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए।

आरटीई में आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और दो चरणों में सत्यापन के साथ होगी। पहले चरण में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) आवेदन का सत्यापन करेंगे। इसके बाद दूसरे चरण में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अंतिम सत्यापन करेंगे।

साथ ही आवेदन के साथ लगाए गए सभी प्रमाणपत्रों का संबंधित विभागों से ऑनलाइन सत्यापन कराया जाएगा। यदि किसी प्रमाणपत्र का सत्यापन नहीं हो पाया तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे आवेदन करते समय सही और वैध प्रमाणपत्र ही अपलोड करें। किसी भी तरह की गलत जानकारी या फर्जी दस्तावेज देने पर बच्चे का आरटीई में प्रवेश रद हो सकता है।

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