केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी है। लंबे इंतजार के बाद 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से जुड़ी चर्चाएं अब तेज हो गई हैं। सरकार ने आयोग का गठन और इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) अधिसूचित कर दिए हैं। पूर्व सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में आयोग ने अपना काम शुरू भी कर दिया है।
मौजूदा 7वें वेतन आयोग की अवधि 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो जाएगी। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि नया वेतनमान कब से लागू होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से प्रभावी मानी जा सकती हैं, लेकिन वास्तविक क्रियान्वयन 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में संभव है।
अरियर से होगा बड़ा फायदा
अगर भुगतान में देरी होती है, तो कर्मचारियों के लिए यह नुकसानदायक नहीं बल्कि फायदेमंद साबित हो सकता है। यदि वेतन संशोधन जनवरी 2026 से लागू माना गया और भुगतान 2028 में हुआ, तो कर्मचारियों को दो साल का अरियर मिलेगा। अनुमान है कि आयोग अपनी रिपोर्ट सौंपने में लगभग 18 महीने लेगा, और सरकार को इसे मंजूरी देने में 3 से 6 महीने तक का समय लग सकता है — यही वजह है कि अमल में कुछ देरी लगभग तय मानी जा रही है।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी संभव
बाजार विशेषज्ञों और ब्रोकरेज रिपोर्ट्स का अनुमान है कि इस बार कर्मचारियों की सैलरी में 30 से 34 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। इसका आधार होगा नया फिटमेंट फैक्टर, जो 1.83 से 2.46 के बीच रहने की उम्मीद है। कई अनुमानों के अनुसार, यह करीब 2.28 हो सकता है। पहले की तरह महंगाई भत्ता (DA) को आधार वेतन में जोड़ा जाएगा, और उसी के अनुसार नया वेतन ढांचा लागू किया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर, अगर लेवल-1 कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और कुल सैलरी लगभग 35,000 रुपये मिल रही है, तो 34% की बढ़ोतरी के बाद यह करीब 46,900 रुपये तक पहुंच सकती है। यानी हर महीने लगभग 11,900 रुपये की अतिरिक्त आय। यदि 24 महीनों का अरियर जोड़ा जाए, तो कुल रकम 2.8 से 3 लाख रुपये तक हो सकती है। उच्च पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह लाभ और ज्यादा बढ़ जाएगा।
अब सभी की निगाहें सरकार की ओर हैं — खासकर फिटमेंट फैक्टर, लागू होने की तारीख और अरियर भुगतान से जुड़ी घोषणा पर।


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