विधानसभा में मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा वर्ष 2017 से पहले शिक्षकों के तबादले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने पर सपा सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर आरोप लगाए जाएं तो पुख्ता सुबूत पहले रखे जाएं। संदीप सिंह ने सपा की डॉ. रागिनी सोनकर व बृजेश कठारिया द्वारा छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां बताने के दौरान आरोप लगा दिया कि वर्ष 2017 से पहले शिक्षकों के तबादले में पैसा वसूली जाता था और तमाम शिक्षकों के पैसे डूब गए लेकिन अब ट्रांस्फर पारदर्शी तरीके से किए जा रहे हैं। इस पर नेता विरोधी दल ने पुरजोर ढंग से विरोध जताया।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि किसी दल का नाम नहीं लिया गया है बल्कि पूर्ववर्ती सरकारों के बारे में कहा गया है। अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि अब आरोप लगाने से पहले सदस्यों से शपथ पत्र लिया जाएगा। दूसरी ओर संदीप सिंह ने स्कूलों के मर्जर के कारण विद्यालयों के बंद होने के आरोप को भी गलत करार दिया।


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