प्रयागराज। यूपी के एक लाख से अधिक परिषदीय स्कूलों के कक्षा चार में 2026-27 शैक्षिक सत्र से लागू हो रही एनसीईआरटी की गणित, हिन्दी, पर्यावरण और कला की किताबों में कई अहम बदलाव किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव गणित मेला पाठ्यपुस्तक के ‘हमारे आसपास हजारों की संख्या’ शीर्षक चौथे पाठ में हुआ है जिसमें कर्नाटक के जैन मंदिर के चित्र व संबंधित अभ्यास प्रश्न की जगह अयोध्या के प्रभु श्रीराम मंदिर का चित्र एवं संबंधित अभ्यास प्रश्न जोड़ा गया है। राज्य शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञों ने दक्षिण भारतीय व्यक्तियों के नाम जैसे गुड़प्पा के स्थान पर गणेश, वृक्षों में नारियल के स्थान पर आंवला, मुनिअम्मा के स्थान पर मीना कर दिया गया है।
कक्षा चार हिंदी की पाठ्यपुस्तक वीणा में आसामान गिरा पाठ के स्थान पर बेसिक शिक्षा परिषद की पाठ्यपुस्तक फुलवारी से हौसला, एक पृष्ठीय गोलगप्पा के स्थान पर डेजी की डायरी, एक पृष्ठीय हवा और धूल के स्थान पर सत्य की जीत (सत्यवादी हरिशचन्द्र) जोड़ा गया है।
छन्नू लाल मिश्र एवं गिरिजा देवी का चित्र जोड़ा: कला की पाठ्यपुस्तक बांसुरी में दक्षिण भारतीय कोलम की जानकारी देने के साथ-साथ हमारे प्रदेश में शुभ अवसरों पर चौक पूरना क्यों और कैसे बनाया जाता है? तथा चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर और सहारनपुर लकड़ी के खिलौने क्यों प्रसिद्ध है, के बारे में बताया गया है। एनसीईआरटी की पुस्तक में दक्षिण भारत के स्थान चन्नापाटना (कर्नाटक) का उल्लेख है। वरिसाई के स्थान पर उत्तर भारतीय संगीत में उपयोग में आने वाले अलंकार अथवा पलटा शब्द जोड़ा गया है। बनारस घराना में पं. छन्नू लाल मिश्र एवं उपशास्त्रीय गायन की विदुषी गिरिजा देवी का चित्र, कन्नड़ गीत आदोना बन्नी के स्थान पर कजरी (पारंपरिक लोकगीत वर्षा गीत एवं संबंधित चित्र), तमिल भाषा में लिखी लोरी को परिवर्तित करके हिन्दी अवधी भोजपुरी मिश्रित पारंपरिक लोरी शामिल की गई है। इसके अतिरिक्त कुमाऊंनी गीत (उत्तराखंड) के स्थान पर प्रदेश के प्रचलित बारहमासा गीत, मिजोरम लोकगीत के स्थान पर गंगा गीत और संबंधित चित्र दर्शाया गया है।
मठ्ठा-आलू, तहरी, पूरी-सब्जी को किया शामिल
पर्यावरण की पाठ्यपुस्तक ‘हमारा अद्भुत संसार’ में उत्तर प्रदेश का राजकीय पुष्प, प्रचलित भोजन (मठ्ठा-आलू, तहरी, पूरी-सब्जी), श्री अन्न जैसे कोदो, रागी (मडुआ) के नाम, अनाज उगाने में सूर्य के प्रकाश का महत्व, प्रबोधनी एकादशी (पर्व), कागज निर्माण के प्रसिद्ध केन्द्र एवं अनुसंधान जालौन एवं सहारनपुर आदि विषयवस्तु भी जोड़ी गई है।
-27 शैक्षिक सत्र से लागू होगी कक्षा चार की नई किताबें
कक्षा चार की पाठ्यपुस्तकों के परीक्षण एवं कस्टमाइजेशन का काम उत्तर प्रदेश की शैक्षिक परिस्थितियों, स्थानीय आवश्यकताओं एवं परिवेश के परिप्रेक्ष्य में किया गया है। निश्चित रूप से इसका लाभ बच्चों को होगा। राजेन्द्र प्रताप, प्राचार्य राज्य शिक्षा संस्थान


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