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सूरतेहाल: पांच लाख बच्चों को डीबीटी का लाभ नहीं, डीएम व बीएएस को लाभ देने की सौंपी गई जिम्मेदारी

यूपी में 5 लाख बच्चे अभी भी डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना से वंचित हैं। नियोजन विभाग के जीरो पॉवर्टी पोर्टल पर दर्ज 6 से 14 वर्ष के इन 4,91,953 बच्चों को डीबीटी योजना से जोड़ने के लिए सरकार प्रदेशव्यापी अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए पोर्टल बनाया गया है, जिस पर ऐसे बच्चों को चिह्नित कर उनकी जानकारी दर्ज कराई जाएगी।


जिले से लेकर ब्लाकवार और ग्राम पंचायतवार अभियान चलाकर छूटे प्रत्येक बच्चे (उसके माता-पिता या अभिभावक के खाते में भेजकर) को डीबीटी लाभ दिलाया जाएगा। डीएम व बीएसए को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इनकी देखरेख में ऐसे बच्चों को चिह्नित कर नजदीकी परिषदीय स्कूलों में दाखिला दिलाकर डीबीटी का लाभ दिलाया जाएगा। नियोजन विभाग ने पिछले दिनों 6 से 14 वर्ष के ऐसे बच्चों की सूची बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपते हुए कहा था कि इन्हें डीबीटी का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। ये ऐसे बच्चे हैं जो या तो स्कूल गए नहीं या बीच में स्कूल छोड़ दिया। इसलिए सत्यापन के बाद ही लाभ दिया जाए।

1.30 करोड़ बच्चों के खाते में भेजे जा चुके रुपये

प्रदेश में 1.30 करोड़ बच्चे ऐसे है जिनके माता-पिता या अभिभावक के खाते में यूनिफार्म आदि के 1200 रुपये भेजे जा चुके हैं और छह लाख को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों के बैंक खाता संख्या व उससे जुड़ा सारा रिकार्ड सम्भवत: विभाग के पास हो और आधार सीडिंग के चलते डीबीटी का लाभ न मिल पा रहा हो। उप शिक्षा निदेशक बेसिक संजय उपाध्याय ने कहा है कि खातों में पैसे भेजने का सिलसिला जारी है, जैसे-जैसे खातों का आधार सीडिंग होता जा रहा है उनमें डीबीटी से पैसे भेजे जा रहे हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक माधवजी तिवारी ने कहा है कि जिन खातों के आधार सीडिंग नहीं हैं उनके अभिभावकों से संपर्क कर इसे कराने को कहा जा रहा है

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