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अपने मूल विद्यालयों में लौट सकेंगे शिक्षा मित्र, महिलाओं को दो विकल्प का मिला मौका

पडरौना। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षामित्रों को अपने मूल विद्यालय में भेजने संबंधी आदेश जारी होते ही वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे शिक्षामित्रों में खुशी की लहर दौड़ गई। शासन ने जिला स्तर पर तैनाती प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के निर्देश भी दे दिए हैं। नए आदेश का सबसे अधिक लाभ विवाहित महिला शिक्षा मित्रों को दोहरे विकल्प का मौका मिलेगा। अब उन्हें अपने मूल विद्यालय के साथ-साथ ससुराल क्षेत्र के नजदीकी विद्यालय में तैनाती चुनने का मौका मिलेगा।

जिले के 2464 परिषदीय विद्यालयों में कुल 2190 शिक्षा मित्र तैनात हैं, जिनमें से लगभग 150 शिक्षामित्रों को इस आदेश से प्रत्यक्ष लाभ मिलने का अनुमान है। सपा शासनकाल में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया था, जिसके बाद कई शिक्षामित्रों की पोस्टिंग दूसरे ब्लॉकों में कर दी गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनका समायोजन रद कर दिया, जिससे वे फिर से शिक्षामित्र बन गए।

उनमें से अधिकांश अपने मूल विद्यालय लौट आए, लेकिन कुछ शिक्षामित्र प्रक्रियागत कारणों से वंचित रह गए थे। जिले के विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों में तैनात ऐसे शिक्षामित्र काफी समय से अपने मूल विद्यालय में वापसी की मांग उठा रहे थे। सरकार ने इस वर्ष जनवरी, मार्च और जून में शासनादेश जारी कर प्रक्रिया आगे बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन तबादला प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी।

शिक्षामित्रों को मिले ये विकल्प

नई व्यवस्था में शिक्षामित्रों की सुविधा को प्राथमिकता दी गई है। वह मूल विद्यालय में लौटना चाहेंगे तो उसका विकल्प तो मिलेगा ही साथ ही जो वापस नहीं आना चाहते, उन पर कोई दबाव नहीं होगा। यदि मूल विद्यालय में पद रिक्त नहीं है तो निकटतम विद्यालय में तैनाती दी जाएगी। विवाहित महिला शिक्षामित्र मूल विद्यालय के साथ-साथ ससुराल क्षेत्र के नजदीकी विद्यालय का भी विकल्प चुन सकेंगी।

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