चर्चा-60%65% कट-ऑफ: आयुष दुबे~टीम इलाहाबाद की कलम से 68500 Shikshak Bharti,
*✒मित्र..*
आप सभी से विनम्र निवेदन है,की जिस तरह से *शिक्षामित्र संग़ठन* द्वारा जबरदस्त फंडिंग की जा रही है।उनकी तरफ से *सीनियर की झड़ी* लगा दी गयी है उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ में। लीडिंग याचिका मो. रिजवान & oth की है *21/01/2019 की सुनवाई में* उन लोगो के द्वारा हमारे तरफ के हस्तक्षेप करने वाले *अधिवक्ता श्री अनिल तिवारी* जी की अपियरिंग पे *आपत्ति* किए थे...उनका प्रयाश था कि इनको
न्यायालय के समक्ष बोलने की अनुमति ही प्राप्त न हो। *लेकिन श्री अनिल तिवारी जी वरिष्ठ अधिवकता है उनकी महत्ता को समझते हुए जस्टिस चौहान साहब ने उन्हें अनुमति प्रदान की।* इन सब तर्कों को आप तक पहुचाने का मतलब सिर्फ और सिर्फ इतना है कि *उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता का क्या रोल है आपके संज्ञान में लाना* टीम अपना सर्वोत्तम प्रयाश कर रही है कि आगमी 29-01-2019 को केश फाइनल हो जाये जिससे जो मानसिक स्थिति बनी हुई है हम लोगो की उससे निजात पाया जा सके.. टीम से जितना बन पा रहा है कर रहे है। आप सब अपने हिस्से का काम कर दे जिससे *एक सीनियर अधिवक्ता* को हम अपने पक्ष में उतार सके। समय कम है कार्य अधिक है इसलिए आप लोग तक यह पोस्ट पहुचाई जा रही है...टीम के द्वारा *2100₹ तो दूर आज तक 10₹ तक याची शुल्क नहीं माँग की गयी जो की विरोधियो द्वारा की गयी है।* इसलिए उनके पास भरपूर रकम उपलब्ध है वो *सर्वोच्च न्यायालय* से क्या *अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय* से अधिवक्ता ला सकते है......लेकिन सब आपके सहयोग से *श्री तिवारी सर के आश्रय में ही 21/01/2019 को अपना केश बचाये थे....* अगर आप सब सहयोग कर दे तो एक अन्य अधिवक्त हम *29 जनवरी* को न्यायालय में लाएंगे जो उनके सब अधिवक्ता का माकूल जवाब देंगे।सब लोग संगठीत रहे एव विरोधियो को आप स्वयं जवाब दे। *जो भाई बहन 90 ,97 अंक से कम है वे कही न कही किस्मत से रह गये वो किसी प्रकार से हम से कम नहीं है बल्कि एक पैमाने के अनुसार अयोग्य है।* लेकिन समय की माँग है कि 60%-65% को बचाया जाय अन्यथा कुछ हाथ नहीं लगना इसलिये किसी को भी अपशब्द न बोले पूरे मनोयोग से सिर्फ और सिर्फ 60%-65% के बचाव पर अपना जोर दे 💯% सफलता हमे मिलेगी।आप सभी से विनम्र निवेदन है,की जिस तरह से *शिक्षामित्र संग़ठन* द्वारा जबरदस्त फंडिंग की जा रही है।उनकी तरफ से *सीनियर की झड़ी* लगा दी गयी है उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ में। लीडिंग याचिका मो. रिजवान & oth की है *21/01/2019 की सुनवाई में* उन लोगो के द्वारा हमारे तरफ के हस्तक्षेप करने वाले *अधिवक्ता श्री अनिल तिवारी* जी की अपियरिंग पे *आपत्ति* किए थे...उनका प्रयाश था कि इनको
दो लाईन उनके लिये जो अपने पोस्ट से ऑडियो से मानसिक रूप से परेशान करते है...
*★हारा वही जो लड़ा नहीं....*
*★फेल वही हुआ जो पढ़ा नहीं★*(सिर्फ उनके लिए जो मानसिक रूप से लोगो को परेशान कर रहे।)
*सूचनार्थ प्रेषित👇*
*✍🏻★®@√! P@πd£¥★*
*आयुष दुबे~टीम इलाहाबाद*
*सर्वेश प्रताप सिंह~लखनऊ*
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