68500 शिक्षक भर्ती : चयनित 49 शिक्षकों की अब जाएगी नौकरी, कम अंक के बाद भी सहायक अध्यापक लिखित भर्ती परीक्षा के परिणाम में हो गए थे पास
68500 सहायकअध्यापक भर्ती में गलत मूल्यांकन के
चलते नौकरी पाए 49 शिक्षकों की
नौकरी अब जाएगी। शासन की ओर
से गठित जांच कमेटी की सिफारिश
पर जब इन 49 चयनितों की उत्तर
पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया
गया तो उसमें नंबर कम पाए गए।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से इन
49 शिक्षकों को नौकरी से बाहर
करने के लिए शासन को पत्र
फरवरी-मार्च में ही भेजा गया था।
हाल ही में हुई शासन की बैठक में
इनको नौकरी से हटाने के फैसले पर
मुहर लग गई। अब संबंधित बीएसए
के माध्यम से नोटिस भेजने की
तैयारी चल रही है।
प्रदेश सरकार की ओर से 2018
में 68,500 सहायक अध्यापकों के
पद घोषित किए गए थे। सचिव
परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर
से हुई शिक्षक भर्ती की लिखित
परीक्षा के बाद मात्र 41556 को ही
सफल घोषित किया गया। परिणाम
के बाद बड़ी संख्या में छात्रों ने उत्तर
पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी
की शिकायत को लेकर हंगामा
किया। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
होने के बाद पता चला कि जिस
अभ्यर्थी को उत्तर पुस्तिका में 127
अंक मिले थे, उसे रिजल्ट में मात्र
27 अंक दिए गए थे। इसके बाद हुई
जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों
की पुष्टि होने लगी। शासन की ओर
से तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक
डॉ. सुत्ता सिंह और रजिस्ट्रार परीक्षा
नियामक प्राधिकारी जीवेंद्र सिंह ऐरी
को निलंबित कर दिया गया था।
68500 शिक्षक भर्ती में आज हाईकोर्ट के आदेश
पर हुए पुनर्मूल््यांकन के बाद लगभग पांच
हजार अभ्यर्थियों को बारी-बारी से
नौकरी तो दे दी गई, लेकिन जो लोग
गलत मूल्यांकन के चलते कम अंक
होने के बाद भी सफल हो गए थे,
बह आठ महीने से नौकरी पर बने
हुए हैं। जांच और पुनर्मुलल््यांकन के
बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की
ओर से फरवरी-मार्च में ही इन
शिक्षकों को हटाने की सिफारिश
शासन के पास भेज दी गई थी।
चलते नौकरी पाए 49 शिक्षकों की
नौकरी अब जाएगी। शासन की ओर
से गठित जांच कमेटी की सिफारिश
पर जब इन 49 चयनितों की उत्तर
पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया
गया तो उसमें नंबर कम पाए गए।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से इन
49 शिक्षकों को नौकरी से बाहर
करने के लिए शासन को पत्र
फरवरी-मार्च में ही भेजा गया था।
हाल ही में हुई शासन की बैठक में
इनको नौकरी से हटाने के फैसले पर
मुहर लग गई। अब संबंधित बीएसए
के माध्यम से नोटिस भेजने की
तैयारी चल रही है।
प्रदेश सरकार की ओर से 2018
में 68,500 सहायक अध्यापकों के
पद घोषित किए गए थे। सचिव
परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर
से हुई शिक्षक भर्ती की लिखित
परीक्षा के बाद मात्र 41556 को ही
सफल घोषित किया गया। परिणाम
के बाद बड़ी संख्या में छात्रों ने उत्तर
पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी
की शिकायत को लेकर हंगामा
किया। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
होने के बाद पता चला कि जिस
अभ्यर्थी को उत्तर पुस्तिका में 127
अंक मिले थे, उसे रिजल्ट में मात्र
27 अंक दिए गए थे। इसके बाद हुई
जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों
की पुष्टि होने लगी। शासन की ओर
से तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक
डॉ. सुत्ता सिंह और रजिस्ट्रार परीक्षा
नियामक प्राधिकारी जीवेंद्र सिंह ऐरी
को निलंबित कर दिया गया था।
68500 शिक्षक भर्ती में आज हाईकोर्ट के आदेश
पर हुए पुनर्मूल््यांकन के बाद लगभग पांच
हजार अभ्यर्थियों को बारी-बारी से
नौकरी तो दे दी गई, लेकिन जो लोग
गलत मूल्यांकन के चलते कम अंक
होने के बाद भी सफल हो गए थे,
बह आठ महीने से नौकरी पर बने
हुए हैं। जांच और पुनर्मुलल््यांकन के
बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की
ओर से फरवरी-मार्च में ही इन
शिक्षकों को हटाने की सिफारिश
शासन के पास भेज दी गई थी।