सार
दिल्ली सरकार के जॉब पोर्टल पर दर्जनों टॉप कंपनियों ने किया ऑफर, कुक-सिक्योरिटी गार्ड, रिसेप्शनिस्ट से लेकर एचआर-एडमिन हेड जैसी व्हाइट कॉलर जॉब्स भी हैं उपलब्ध...
विस्तार
लॉकडाउन के कारण देशभर में औद्योगिक-व्यापारिक गतिविधियां ठप होने से करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गईं और उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई। इस स्थिति से बचाने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने स्तर पर कई प्रयास किए। उन्हें मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए रोजगार देने की कोशिश भी हुई।
लेकिन अब इनमें से दो-तिहाई लोग शहरों की ओर लौटना चाहते हैं क्योंकि वहां उन्हें कामकाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे लोगों के लिए दिल्ली सरकार की योजना से खासी मदद मिल सकती है, जिसने एक जॉब पोर्टल के जरिए बेरोजगार लोगों को रोजगार दिलाने का काम शुरू कर दिया है।
दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली सरकार के जॉब पोर्टल (jobs.delhi.gov.in) पर इस समय भी नौ लाख नौकरियां उपलब्ध हैं। इनमें घरेलू कामकाज के सहायक, कुक, सिक्योरिटी गार्ड से लेकर मैनेजमेंट जैसे कामकाज से जुड़े रोजगार भी शामिल हैं। जिन्हें भी इस समय नौकरी की जरूरत है, वे इसके जरिए मदद ले सकते हैं।
अच्छी कंपनियों में ऑफर
दिल्ली सरकार के जॉब पोर्टल पर अब तक 6271 कंपनियों ने 22 लाख जॉब्स पोस्ट की हैं। इनमें छोटी-मझोले स्तर की कंपनियों के साथ-साथ अमेजन, फ्लिपकार्ट, एचडीएफसी, आसाम टी, कोटक महिंद्रा जैसी अच्छी कंपनियां भी शामिल हैं। कंपनियां इसके माध्यम से लोगों को नौकरियां देती भी रहती हैं, जिससे इस पर नौकरियों की संख्या घटती बढ़ती रहती है।
विभिन्न कंपनियां अभी तक 10 लाख नौकरियां दे चुकी हैं। माना जा रहा है कि कंपनियों ने इसके लिए उम्मीदवारों से बातचीत कर उन्हें नियुक्ति पत्र दे दिया है या इसकी प्रक्रिया में हैं। इस समय भी पोर्टल पर नौ लाख नौकरियों के ऑफर मौजूद हैं, जबकि नौकरी लेने के लिए केवल 8.64 लाख लोगों ने ही आवेदन कर रखा है।
पोर्टल की जांच भी सरकार के स्तर पर हमेशा चलती रहती है। पाया गया है कि कुछ लोगों ने कंपनियों के नाम पर फर्जी पोस्ट भी डाल दिए थे, जिन्हें जांच में सही नहीं पाए जाने के बाद हटा दिया गया है। खबर है कि अब तक 3.5 लाख जॉब्स ऑफर को रद्द किया जा चुका है।
उद्योगों की बड़ी कमी भी पूरी
लॉकडाउन में जहां एक तरफ लोग बेरोजगार हुए, तो वहीं दूसरी तरफ मजदूरों की कमी के कारण उद्योगों में उत्पादन प्रभावित हुआ। बड़ी-बड़ी कंपनियों को मजदूरों की कमी के कारण आधी-अधूरी क्षमता पर काम करना पड़ा। सरकार का दावा है कि अब इन उद्योगों को इस पोर्टल के जरिए पर्याप्त मात्रा में मजदूरों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उनकी बड़ी जरूरत पूरी हो जाएगी।