नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अंतिम वर्ष की परीक्षा छात्र के शैक्षणिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं इन परीक्षाओं को रद्द करना किसी सूरत में छात्रों के हित में नहीं है। महाराष्ट्र और दिल्ली
सरकार के हलफनामे के जवाब में आयोग ने कोर्ट में कहा, राज्य सरकार अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द नहीं कर सकतीं। आयोग ने कहा, अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए 6 जुलाई को जारी किए गए दिशा-निर्देश विशेषज्ञों की सिफारिश पर आधारित हैं। इन्हें विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है। ऐसे में यह दावा करना पूरी तरह गलत है कि इन दिशा-निर्देशों के आधार पर परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है।
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