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‘रिक्त पदों के बावजूद खिलाड़ियों को नहीं मिल रही नौकरी’

लखनऊ : टोक्यो ओलंपिक शुरू होने से पहले आइओए (भारतीय ओलंपिक संघ) ने खिलाड़ियों की नौकरियों का मुद्दा उठाया है। संघ का कहना है कि केवल बातों से खिलाड़ियों का पेट नहीं भरेगा। खिलाड़ियों को नौकरी चाहिए, जो नहीं मिल रही है।
आइओए की ओर से बुधवार को जारी बयान में संघ के कोषाध्यक्ष के आनंदेश्वर पांडेय ने कहा कि सरकार खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन तो कर रही है, लेकिन असल मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही। प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए दो प्रतिशत सीटें आरक्षित होने के बावजूद हजारों पद विगत कई वर्षो से खाली पड़े हैं। उत्तर प्रदेश नागरिक पुलिस में उपनिरीक्षक के 186 और कांस्टेबल के 1,120 पद खाली हैं। इस विषय पर साल भर पूर्व मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन व अन्य अधिकारियों के साथ निदेशक खेल व यूपी ओलंपिक एसोसिएशन के साथ मुख्य सचिव के साथ बैठक हो चुकी है। इसके अलावा बड़ी संख्या में राजपत्रित पद रिक्त हैं। खेल विभाग में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी और उपक्रीड़ाधिकारी और प्रशिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। परिवहन सहित अन्य विभागों में भी पद रिक्त हैं। इसके बावजूद खिलाड़ियों को नौकरी नहीं दी जा रही। यही वजह है कि प्रदेश के खिलाड़ी दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं। देशभर में फैले भारतीय खेल प्राधिकरण के छात्रवासों में उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा खिलाड़ी हैं। ऐसे में प्रदेश को खेल नीति लागू कर खिलाड़ियों को सुविधाओं में बढ़ोतरी करनी चाहिए।

’>>टोक्यो ओलंपिक से पहले भारतीय ओलंपिक संघ ने उठाया मुद्दा
’>>आइओए कोषाध्यक्ष ने कहा-असल मुद्दों पर हो बात

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