इक्कीसवीं सदी में भी गांवों का सर्वांगीण विकास बड़ी चुनौती बनी है। गांवों में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने और उनका ढांचागत विकास करने के लिए बेंगलुरु स्थित इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान) ने बीड़ा उठाया है। इस काम के लिए ट्रिपलआईटी के आईटी विभाग के प्रो. विजेंद्र सिंह को जिम्मा दिया गया।
किसी ग्राम पंचायत में स्कूल, शौचालय, खेल के मैदान कहां बने और खड़ंजा कहां बिछना है जैसे कामों के लिए अब सरकारी महकमों और इनके मुलाजिमों को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। बल्कि ये सब एप ही कोऑर्डिनेट करके बताएगा। ट्रिपलआईटी के आईटी विभाग ने ग्राम पंचायत एप (स्पीकिंग जीईओ-जीपी असिस्टेंट एप) बनाया है। एप तैयार करके इसरो को भेज दिया गया है।
सरकारी योजनाएं बनने और क्रियान्वयन तक जटिल प्रक्रियाओं से गुजरती हैं। सर्वे और चिन्हांकन की प्रक्रिया में लंबा वक्त लग जाता है। इस एप की मदद से इन कार्यों को जल्द किया जा सकेगा। प्रो. सिंह ने बताया कि शीर्ष स्तर (मंत्रालय या विभाग) पर बनने वाली योजनाएं समयबद्ध और सही ढंग से क्रियान्वित हों इस कार्य में यह एप बहुत मददगार होगा। जीआईएस ( जियोग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम) की मदद से यह नया एप सूचना देने में सक्षम होगा कि विकास की बुनियादी जरूरतें क्या और कहां हैं।
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