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मिड-डे मील योजना के अंतर्गत कई परिषदीय विद्यालयों में नहीं बांटा जा रहा दूध

मऊ। जिले के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की सेहत सुधारने का दावा फेल होता नजर आ रहा है। सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को बुधवार के दिन मिड-डे-मील में तहरी के साथ प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को 150 एमएल तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 200 एमएल उबला दूध वितरित किया जाना है। लेकिन कई विद्यालयों में दूध का वितरण नहीं हुआ। किन्हीं स्कूलों में दूध का वितरण हुआ तो गुणवत्ता नहीं मिली। बच्चे नाक भौंह सिकोड़ते नजर आए। प्रधानाध्यापक अच्छा दूध न मिलने का रोना रोकर मामले से पल्ला झाड़ ले रहे थे।
जिले में एमडीएम योजना के दायरे में 1465 विद्यालयों में लगभग 2.27 लाख बच्चे आते हैं। बच्चों की सेहत सुधारने के लिए प्रत्येक बुधवार को मिड-डे-मील में तहरी के साथ प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को 150 एमएल तथा 200 एमएल दूध वितरित किया जाना है। हालत यह है कि कई विद्यालयों में बच्चों को दूध पिलाने की फर्ज अदायगी की जा रही है। इन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर न तो विभाग और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है।

मझवारा संवाददाता के अनुसार क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मझवारा में 225 बच्चों का नामांकन किया गया है, लेकिन 140 बच्चों की उपस्थिति रही। बच्चों को दूध मयस्सर नहीं हो सका। इसी क्रम में कंपोजिट विद्यालय खैरा मुहम्मदपुर में 213 बच्चों का नामांकन है, लेकिन 135 बच्चे उपस्थित मिले। बच्चों में दूध वितरित नहीं किया जा सका। इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय पवनी में 95 बच्चों का नामांकन है, लेकिन 73 बच्चों की उपस्थिति रही जिनमें बच्चों को दूध नहीं दिया गया। प्रधानाध्यापकों का कहना था कि अच्छा दूध नहीं मिल सका।

कुसुम्हा संवाददाता के अनुसार दोहरीघाट ब्लाक क्षेत्र के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में बुधवार को दूध का वितरण कागज पर ही चल रहा है। क्षेत्र के कंपोजिट स्कूल जमीरा चौराडीह, कंपोजिट विद्यालय बीबीपुर, प्राथमिक विद्यालय लामी, प्राथमिक विद्यालय कादीपुर में दूध का वितरण नहीं हुआ। खंड शिक्षा अधिकारी दोहरीघाट शेषनाथ सरोज परिषदीय विद्यालय रसूलपुर निरीक्षण करने पहुंचे, लेकिन यहां उन्हें दूध वितरण नहीं दिखा। इस संबंध में बीइओ दोहरीघाट का कहना था कि निरीक्षण में गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के खिलाफ नोटिस जारी की जा रही है।

अमिला संवादाता के अनुसार प्राथमिक विद्यालय अमिला प्रथम में बच्चों को तहरी के साथ दूध दिया गया। कंपोजिट विद्यालय खनिगह में बच्चों को तहरी तो दी गई, लेकिन दूध का वितरण नहीं किया गया था। बच्चों का कहना था कि हफ्तों से दूध नहीं मिला है।
बढुआगोदाम संवाददाता के अनुसार कंपोजिट स्कूल परदहां वार्ड नंबर छह तथा कंपोजिट विद्यालय बकवल में तहरी के साथ दूध का वितरण किया गया। पूछे जाने पर बच्चों ने बताया कि दूध में कोई स्वाद ही नहीं था। पानी जैसा था। यही हाल अन्य ब्लाकों के सरकारी विद्यालयों का रहा। योजनाओं के क्रियान्वयन की यही स्थिति रही तो बच्चों की सेहत खराब होना तय है।

जिला बेसिक अधिकारी डॉ. संतोष कु़मार सिंह ने बताया कि मिड-डे-मिल योजना में लापरवाही किसी भी हाल मेें बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाह प्रधानाध्यापकों के खिलाफ नोटिस जारी की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।

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