दो-चार नहीं बल्कि पूरे 20 साल तक अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले शिक्षक को आखिरकार देश की सर्वोच्च अदालत से इंसाफ मिला। महाराज दंडी स्वामी केशवानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुनई गहरपुर मेजा के सहायक अध्यापक कमलेश प्रसाद तिवारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग को पिछले दिनों 91.66 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा।
कमलेश प्रसाद तिवारी गुनई गहरपुर मेजा के केशवानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 1982 से शिक्षक थे। Education news एक अप्रैल 1996 को प्रदेश सरकार ने इस विद्यालय को अनुदानित कर दिया। उस समय स्कूल में 8 सीटी, 2 एलटी ग्रेड शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक का पद अनुमोदित किया गया। 2 सितंबर 1997 को सात शिक्षकों के वेतन भुगतान की संस्तुति की गई लेकिन कमलेश प्रसाद को वेतन देने से मना कर दिया गया।विभाग ने स्वीकार किया कि प्रधानाध्यापक का एक और शिक्षकों के तीन कुल चार पद खाली थे जिनके वेतन भुगतान का अनुमोदन नहीं था।
इसके बाद उन्होंने विभागीय अफसरों से गुहार लगाई। Education news 27 अगस्त 2000 को तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी मनमाने तरीके से वेतन भुगतान करने से मना कर दिया। जिसके बाद एक अन्य शिक्षक मुन्नी लाल ने हाईकोर्ट में वर्ष 2000 में संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज के खिलाफ याचिका कर दी।इस मामले में 13 अगस्त 2003 को हाईकोर्ट ने वेतन भुगतान का अंतरिम आदेश दिया। उसके बावजूद विभाग ने वेतन जारी नहीं किया। इस पर कमलेश प्रसाद तिवारी ने वर्ष 2008 में सरकार के खिलाफ मुकदमा कर दिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने 9 अक्तूबर 2012 को फिर से वेतन भुगतान का आदेश दिया। लेकिन विभाग ने वेतन देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद कमलेश प्रसाद तिवारी ने वेतन के लिए 2013 में फिर से याचिका दाखिल की। इस मामले में हाईकोर्ट ने Education news 22 जनवरी 2020 को आदेश दिया कि याची को 1 अप्रैल 1996 से वेतन और बकाया राशि का भुगतान किया जाए। इसके बावजूद वेतन भुगतान करने की बजाय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने 13 सितंबर को वेतन देने का आदेश दिया। जिसके बाद हारकर सरकार को वेतन देना पड़ा।
मुकदमा लड़ते-लड़ते हो गए सेवानिवृत्त
माध्यमिक शिक्षा विभाग और सरकार के खिलाफ मुकदमा लड़ते-लड़ते ही शिक्षक कमलेश प्रसाद तिवारी 31 मार्च 2021 को सेवानिवृत्त हो गए। विभाग ने 1 अप्रैल 1996 से 31 दिसंबर 2020 तक के वेतन अवशेष की धनराशि 88.95 लाख और एक जनवरी से 31 मार्च 2021 (सेवानिवृत्ति तिथि) तक का वेतन 2.70 लाख उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया।
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