Employment news प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2019 व 2020 की प्रारंभिक परीक्षा की अंतिम (संशोधित) उत्तरकुंजी जारी कर दी, लेकिन प्रतियोगी इससे संतुष्ट नहीं हैं। आरोप है कि विलंब से अंतिम उत्तरकुंजी जारी होने से खामियां दूर नहीं हुई। इसे देखते हुए प्रतियोगी छात्र पीसीएस-2021 मेंस (मुख्य परीक्षा) से पहले प्रारंभिक परीक्षा की संशोधित उत्तरकुंजी जारी करने की मांग कर रहे हैं, जिससे उसकी खामी दूर की जा सके।
Employment news :- इसके लिए पीसीएस-2021 मेंस की तारीख बढ़ाने का सुझाव दे रहे हैं। लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2021 के तहत 678 पदों की भर्ती निकाली। रिक्तियों के सापेक्ष 7,688 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए सफल हुए हैं। पहले मुख्य परीक्षा 28 से 31 जनवरी तक दो सत्रों में होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने पर उसे स्थगित कर दिया गया था। अब परीक्षा 23 से 27 मार्च तक कराई जाएगी। आयोग ने अभी प्रारंभिक परीक्षा की संशोधित उत्तरकुंजी जारी नहीं की है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि पीसीएस-2015 में पहली बार कोर्ट के आदेश पर उत्तरकुंजी जारी हुई।
उत्तरकुंजी में गलत प्रश्नों को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है, जो लंबित है। इसके बाद पीसीएस-2016 में गलत प्रश्नों को लेकर हाई कोर्ट ने परिणाम को दोबारा जारी करने का आदेश दिया था। तब आयोग सुप्रीम कोर्ट चला गया। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। पीसीएस-2018 में आयोग ने संशोधित उत्तरकुंजी के स्थान पर हूबहू प्रथम उत्तरकुंजी जारी कर दी थी, अभ्यर्थियों ने इसे कोर्ट में चुनौती दी।
Employment news :- इसके बाद आयोग ने अपनी गलती सुधारी। पीसीएस-2019 व 2020 की संशोधित उत्तरकुंजी कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद जारी की गई। कहा कि दोनों भर्तियों की उत्तरकुंजी में काफी खामियां हैं। इससे पता चलता है कि आसानी से अभ्यर्थियों को अंदर-बाहर किया गया है। पीसीएस-2021 में ऐसा न हो, उसके लिए मुख्य परीक्षा से पहले संशोधित उत्तरकुंजी जारी कराने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी, जिससे पात्र अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हों।