The headmaster reached the rice mill with 33 quintals of mid-day meal, villagers caught
प्रतापगढ़ : कोटे की दुकान से प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए बनने वाले मिड डे मील का 33 क्विंटल खाद्यान्न उठाने के बाद प्रधानाध्यापक पांच किलोमीटर दूर राइसमिल पहुंच गया। ग्रामीणों ने खाद्यान्न लादकर जा रही पिकअप का पीछा कर राइसमिल के समीप रोका तो प्रधानाध्यापक व चालक भाग निकले। सूचना पर पहुंची पुलिस खाद्यान्न से लदी पिकअप थाने ले आई। खंड शिक्षा अधिकारी व सप्लाई इंस्पेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
सांगीपुर विकास खंड के अठेहा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सिद्धनाथ त्रिपाठी ने सोमवार की सुबह गांव में स्थित सरकारी राशन की दुकान से मिड डे मील के लिए 33.77 क्विंटल गेहूं और चावल का उठान किया। कोटेदार रूबी बेगम को जनवरी से मार्च माह के खाद्यान्न की रिसीविंग देकर प्रधानाध्यापक खाद्यान्न पिकअप पर लादकर चला गया। गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के बजाय पिकअप पर लदा खाद्यान्न लेकर प्रधानाध्यापक पांच किलोमीटर दूर आहरबीहर स्थित एक राइसमिल के समीप पहुंच गया। इसकी जानकारी होने पर अठेहा से ग्रामीण पहुंचे और राइसमिल के समीप खड़ी पिकअप घेर लिया।
ग्रामीणों को देखते ही प्रधानाध्यापक व पिकअप चालक मौके से भाग खड़े हुए। सूचना पर उदयपुर पुलिस मौके पर पहुंची और खाद्यान्न से लदी पिकअप थाने ले आई। कुछ देर में खंड शिक्षा अधिकारी जंगीलाल व पूर्ति निरीक्षक राज सिंह यादव उदयपुर थाने पहुंचे। मामले में पूछताछ के लिए आरोपी प्रधानाध्यापक, पिकअप चालक व कोटेदार को थाने में तलब किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी जंगीलाल ने बताया कि पूर्ति निरीक्षक व पुलिस के साथ मिलकर सभी का बयान दर्ज किया जा रहा है। जांच में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दोषी को बचाने के लिए लीपापोतीरते रहे अफसरछात्रों के निवाले पर डाका डालने का प्रयास करने वाले दोषी पर कार्रवाई के बजाय अफसर लीपापोती करते दिखे। कोटेदार के यहां से राशन लेकर प्रधानाध्यापक को सीधे प्राथमिक स्कूल जाना था लेकिन, वह पांच किलोमीटर दूर देवरी स्थित राइस मिल पहुंच गया। इस घटनाक्रम में सीधे तौर पर प्रधानाध्यापक की भूमिका संदिग्ध है लेकिन, अफसर कार्रवाई के बजाय लीपापोती पर उतारू हैं। कोटेदार के पास दिए गए खाद्यान्न की रिसीविंग है, इसलिए उसकी भूमिका संदिग्ध होने का सवाल ही नहीं होता। पिकअप चालक को अपने भाड़े से मतलब था, उसे कहीं भी ले जाया जाता। अब सवाल यह है कि प्रधानाध्यापक राशन लेकर स्कूल जाने के बजाय राइस मिल के पास क्यों गए।