50 top posts are vacant in education department see status of basic and secondary education department
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में अफसरों के 50 प्रतिशत शीर्ष पद खाली हैं और प्रभारियों के भरोसे काम चलाया जा रहा है। पदोन्नति के लिए लंबे समय से डिपार्टमेंटल प्रमोशनल कमेटी (डीपीसी) की बैठक न होने के कारण समस्या हो रही है। निदेशक के चार पदों (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, माध्यमिक, बेसिक और साक्षरता) में से दो पर ही नियमित अधिकारी विनय कुमार पांडेय और डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह कार्यरत हैं।
इनमें से भी एक एससीईआरटी और बेसिक शिक्षा निदेशक का काम देख रहे डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह पिछले साल अगस्त में सेवानिवृत्त हो चुके हैं और सरकार ने एक साल का सेवा विस्तार दे रखा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक रहे विनय कुमार पांडेय निलंबित चल रहे हैं लिहाजा उनका काम अपर निदेशक स्तर की अधिकारी डॉ. सरिता तिवारी देख रही हैं। इसी प्रकार अपर शिक्षा निदेशक या समकक्ष पद के 12 अधिकारियों में से 50 प्रतिशत या केवल छह कार्यरत हैं।
यूपी बोर्ड के सचिव का पद अपर निदेशक स्तर का है लेकिन यहां प्रयागराज के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक दिब्यकांत शुक्ल दो साल से तैनात हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव का पद भी अपर निदेशक स्तर का है लेकिन यहां भी संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर के अधिकारी प्रताप सिंह बघेल, जो कि संतकबीर नगर डायट के प्राचार्य हैं, प्रभारी के रूप में लगभग दो साल से कार्यरत हैं। छह अपर निदेशकों में से भी ललिता प्रदीप इसी महीने 30 जून जबकि डॉ. सुत्ता सिंह जुलाई में सेवानिवृत्त हो जाएंगी।
उसके बाद अपर शिक्षा निदेशक स्तर के 12 पदों की तुलना में चार अधिकारी ही बचेंगे। एलनगंज स्थित सीमैट में भी निदेशक स्तर के अधिकारी की तैनाती होनी चाहिए लेकिन एक दशक से अधिक समय से प्रभारी के भरोसे चल रहा है। रिक्त पदों पर प्रमोशन का प्रस्ताव 23 नवंबर 2021 को शासन को भेजा गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने 20 अप्रैल 2022 को पदोन्नति की समस्त कार्रवाई 30 सितंबर तक पूरी करने के आदेश दिए थे।