A new problem has surfaced for the teachers of Basic, due to this also salary may stop
कानपुर : यूपी में प्राइमरी शिक्षकों को लेकर एक फरमान जारी हुआ है। जिसमे ये कहा गया है कि प्राइमरी स्कूल में अगर लाइट की व्यवस्था नही है और उसको लेकर सरकार या बिजली विबाभ को जानकारी नहीं दी गई है। तो इसका खामियाज़ा स्कूल में काम कर रहे टीचर को भुगतना होगा। अगर शिक्षोकं को अपना वेतन रिलीज़ करवाना है तो उसके लिए उनको पोर्टल पर बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर उसका प्रमाण पत्र देना होगा। जिसके बाद उनकी सैलरी रिलीज़ की जायेगी।
स्कूलो में करोड़ों का बिल है बकाया
जब सभी स्कूलों में कनेक्शन नहीं है तो रिकॉर्ड में दक्षिणांचल का 1.35 करोड़ और केस्को का 31.5 लाख यानी कुल1.66 करोड़ से अधिक का बकाया है। ग्रामीण अंचल के बिलों का भुगतान पंचायतों के माध्यम से किया जाता है, लेकिन 1980 से पहले का काफी बकाया है। बिजली कनेक्शन में शिक्षकों को कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। इनका कहना है कि शिक्षक के आधार के स्थान पर यूडायस कोड होना चाहिए।
स्कूल का बिजली बिल कौन करेगा जमा कोई फिक्स नहीं
जिन स्कूलों ने कनेक्शन के लिए आवेदन किया है। उसमें से कुछ लोगों ने अपनी जेब से खर्च किया है तो कुछ ने कंपोजिट ग्रांट से धनराशि दी है। अगर बात करें ग्रामीण अंचल के स्कूल की तो वहां का बिजली का बिल बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेज देते हैं तो शहरी क्षेत्र के स्कूल अपने पास रख लेते हैं। एक शिक्षक ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले कनेक्शन लिया था। तब कोई धनराशि नहीं देनी पड़ी। अब उसकी धनराशि जोड़कर 80 हजार से अधिक का बिल आ गया है।