बेसिक स्कूलों में मिड-डे मील की हकीकत, छात्र बोले- दाल पतली और रोटी भी छोटी, हमारा पेट नहीं भरता | The reality of mid-day meal in basic schools, students said - pulses are thin and roti too small, our stomach is not filled - Get Primary ka Master Latest news by Updatemarts.com, Primary Ka Master news, Basic Shiksha News,

बेसिक स्कूलों में मिड-डे मील की हकीकत, छात्र बोले- दाल पतली और रोटी भी छोटी, हमारा पेट नहीं भरता | The reality of mid-day meal in basic schools, students said - pulses are thin and roti too small, our stomach is not filled

The reality of mid-day meal in basic schools, students said - pulses are thin and roti too small, our stomach is not filled
परिषदीय स्कूलों का नया शैक्षिक सत्र शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। मगर, सत्र के शुरुआत में मिड-डे मील योजना में भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। मुजफ्फरनगर और खतौली नगर में कई स्कूलों के बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने खुद गुणवत्ता खराब बताई है। पूर्व माध्यमिक कंपोजिट विद्यालय कानूनगोयान खतौली में गुरुवार को बच्चों को दाल दी गई, जिसे अधिकतर बच्चों ने छोड़ दिया।



छात्रा जूही कहती हैं कि जिस दिन से स्कूल खुले हैं, तब से दाल पतली और रोटी भी पहले के मुकाबले छोटी दी जा रही है। हमारा पेट भी नहीं भरता। स्कूल में खाना बनता था तो सब बच्चे अच्छे से खाना खा लेते थे। छात्र आशु ने कहा कि भोजन से संतुष्ट नहीं है। स्कूल आना शुरू किया तो पहले तीन दिन तो भोजन स्कूल में मिला ही नहीं। अब मिल रहा है तो उसे खाने में बिल्कुल भी स्वाद नहीं आ रहा है। खतौली के स्कूल में अलग और शहर के स्कूल में अलग एनजीओ वितरण कर रहा है।

हां, बच्चे नाराज है, डिप्टी से करेंगे शिकायत

पूर्व माध्यमिक कंपोजिट विद्यालय कानूनगोयान खतौली के प्रधानाध्यापक सचिन कुमार स्वीकार करते हैं कि बच्चे खाना छोड़ रहे हैं। दाल और रोटी की गुणवत्ता बच्चों ने खराब बताई। पहले स्कूल में खाना बनता था, अब एनजीओ से वितरण करा रहे हैं। डिप्टी निरीक्षण पर आएंगे तो शिकायत की जाएगी।





शहर में शिकायत, बीएसए कराएंगे जांच
नगर क्षेत्र में एनजीओ श्रीबालाजी सामाजिक विकास समिति के माध्यम से परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिड-डे मिल का वितरण किया जा रहा है। 16 जून से स्कूल खुले हैं तो समिति ने मिड-डे मिल का वितरण भी शुरू कर दिया है। कई जगह बच्चों ने भोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए। ताहरी की गुणवत्ता को खराब बताया।


बच्चों को नहीं होने देंगे परेशानी : बीएसए
अभी तक कोई शिकायत नहीं आई थी। अब हम मिड-डे मिल की जांच कराएंगे। मानकों के अनुसार ही मिड-डे मिल का वितरण कराया जाएगा। बच्चों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। - मायाराम, बीएसए


प्रधानाध्यापक ने नहीं की शिकायत
बच्चों की अच्छी गुणवत्ता का भोजन दिया जा रहा है। किसी प्रधानाध्यापक की ओर से अभी तक शिकायत नहीं मिली है। अगर किसी स्कूल में दिक्कत है तो जांच कराई जाएगी और बच्चों को अच्छा भोजन दिया जाएगा। - राजकुमार, एनजीओ संचालक, श्रीबालाजी सामाजिक विकास समिति

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