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पदोन्नति के बाद नहीं मिली तैनाती, घर बैठे वेतन ले रहे अधिकारी, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

 पिछले दो वर्षों से तबादला नहीं होने से राज्यकर विभाग में कई अधिकारियों को एक ही जिले और पद पर तीन से आठ साल हो गए हैं। वहीं, बीते साल मई में पदोन्नत अधिकारियों की तैनाती अब तक न होने से वे घर बैठे वेतन ले रहे हैं। इस संबंध में उप्र वाणिज्यकर अधिकारी सेवा संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अधिकारियों का तबादला और प्रोन्नत होने वालों को तैनाती दिलाने की गुहार लगाई है।






संघ के अध्यक्ष दिव्येंद्र शेखर गौतम और महासचिव प्रदीप कुमार पटेल की ओर से सीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि कोरोना से 2020-21 और 2021-22 में तबादले नहीं हुए। चालू वर्ष में भी अब तक तबादले नहीं किए गए हैं। इससे कई जिलों में अधिकारियों की 3 से 8 साल तक की सेवा पूरी हो चुकी है। इनमें से कई दांपत्य नीति व परिजनों की बीमारी के चलते स्थानांतरण चाहते हैं। लेकिन तबादले नहीं होने से अधिकारियों की मनोदशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।



पदाधिकारियों ने सचल दल और विशेष अनुसंधान शाखा में तैनाती अवधि का हवाला देते हुए बताया है कि विभाग की सबसे संवेदनशील इन शाखाओं में अधिकतम एक व दो वर्षों तक ही तैनाती का प्रावधान है, लेकिन कई अधिकारियों का कार्यकाल 4 साल से ज्यादा हो गया है। पदाधिकारियों ने बताया कि मई-2021 में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन के पद पर प्रोन्नति पाने वाले अधिकारियों की तैनाती भी अब तक नहीं हो पाई है।



ऐसे कई और अधिकारी भी हैं जिन्हें बीती जनवरी में ही प्रोन्नति मिली है, लेकिन तैनाती अब तक नहीं हुई है। ये अधिकारी घर बैठे ही वेतन ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यालय स्तर से तबादले के लिए प्रस्ताव एक महीने पहले ही शासन को भेज दिया गया है, लेकिन ऊपर से हरी झंडी नहीं मिलने से आदेश जारी नहीं हो पा रहा है।

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