लखनऊ : उत्तर प्रदेश Madrasa Education Council के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने शनिवार को national child rights संरक्षण आयोग से अपने पत्र पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। इस पत्र में आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गैर-मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले मदरसों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के लिए कहा था। board Chairman ने पत्र पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गैर हिंदू बच्चे भी संस्कृत स्कूलों में पढ़ने जाते हैं।
डॉ. इफ्तिखार ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए इस पत्र की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हमारे यहां मदरसों में NCERT syllabus के तहत बच्चों को आधुनिक शिक्षा दी जा रही है।
मदरसों में केवल religious education नहीं दी जा रही है। missionary schools में हर धर्म के बच्चे पढ़ते हैं। मैं खुद बनारस Hindu University में पढ़ा हूं। इस तरह के पत्र से सरकार की सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना से काम करने में असहज स्थिति पैदा होगी। इसलिए इस पत्र पर पुनर्विचार किया जाए। 8 दिसंबर को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के secretaries chief को पत्र लिख कर उन्हें गैर-मुस्लिम बच्चे जहां पढ़ रहे हैं ऐसे सभी मदरसों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे।