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UP: शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब बिना TET के मिलेगा प्रमोशन

प्रयागराज। शिक्षक पात्रता परीक्षा का certificate न होने के कारण प्रमोशन से वंचित टीचरों के लिए खुशखबरी है। अब बिना TET पास किये ही उन्हें प्रमोशन मिलेगा। इलाहाबाद High Court ने टीचरों के हित में फैसला सुनाते हुये कहा है कि प्रमोशन के लिये TET पास होना अनिवार्य नहीं है। High Court ने अपने फैसले को विस्तार देते हुये कहा कि अगर primary school में तैनात शिक्षक को upper primary school में नियुक्त किया जाना है तो इसमें TET योग्यता की आवश्यकता नहीं है, प्रमोशन TET योग्यता न होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। हालांकि High Court का यह आदेश वर्ष 2010 से पहले चयनित अभ्यर्थी को ही लाभान्वित करेगा।



क्या है मामला

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ जिले में primary school में तैनात शिक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने 10 वर्ष से अधिक सयम का अध्यापन अनुभव प्राप्त कर लिया था और उन्हें प्रमोशन देकर upper primary school में नियुक्त किया जाना था। लेकिन, बीएसए प्रतापगढ़ ने ओम प्रकाश का प्रमोशन रोक दिया और प्रमोशन रोकने का कारण बताया गया कि ओम प्रकाश ने टीईटी नहीं पास की और वर्तमान नियमावली में यह स्पष्ट है कि primary school से upper primary school में प्रमोशन होकर नियुक्ति पाने का हकदार वह होगा, जिसने टीईटी पास किया हो और कम से कम पांच वर्ष का अध्यापन अनुभव हो। चूंकि ओम प्रकाश ने टीईटी पास नहीं की है, इसलिये वह प्रमोशन के लिये आर्ह नहीं है। इसी मामले में ओम प्रकाश ने बीएसए प्रतापगढ के प्रमोशन रोके जाने के आदेश को चैलेंज किया। जिसमें हाईकोर्ट ने बडा फैसला सुनाते हुये 2010 से पहले चयनति अभ्यर्थी के प्रमोशन में टीईटी पास करने की अनियवार्यता को खारिज कर दिया है। साथ ही ओम प्रकाश को प्रमोशन दिये जाने के लिये बीएसए को निर्देशित किया है।

High Court ने क्या कहा

इलाहाबाद High Court में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को शिक्षक नियमावली से अवगत कराया गया और पूर्व में प्रमोशन की प्रक्रिया व वर्तमान नियम में बदलाव की जानकारी दी गयी। कोर्ट को बताया गया कि पूर्व में TET जैसी कोई प्रक्रिया मौजूद ही नहीं थी, ऐसे में तत्कालीन अभ्यर्थी के TET में बैठने और पास करने का सवाल ही नहीं उठता। ऐसे में TET की अनिवार्यता लागू होने से पहले चयनितों को नियमत: प्रमोशन का लाभ मिलना चाहिये। High Court ने दलीलों और नियमावली के अवलोकन के बाद प्रतापगढ बीएसए के प्रमोशन नियुक्ति रोकने का आदेश रदृ कर दिया है। कोर्ट ने पाया कि TET की अनिवार्यता वर्ष 2010 में लागू हुई है। ऐसे में उससे पहले टीचर बनने वाले अभ्यर्थी को प्रमोशन नियुक्ति देना सही नहीं है। High Court ने साफ कहा कि टीईटी की अनिवार्यता इसके लागू होने से पहले की समयावधि में चयनित शिक्षकों पर लागू नहीं की जा सकती है। ऐसे में बिना टीईटी पास किये 5 वर्ष के अध्यापन अनुभव के आधार पर 2010 से पहले चयनित टीचर को प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति दी जा सकती है। फिलहाल अब इस आदेश का लाभ बडी संख्या में पूर्व में चयनित शिक्षक उठा सकेंगे।

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