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बीएसए को पता नहीं रूकते बीईओ फिर भी बनी मेहरबानी

उन्नाव, खंड शिक्षा अधिकारियों के न रूकने की बात से वाकिफ होने के बाद भी बीएसए इन्हें तैनाती स्थल पर रोकने व न रूकने की दशा पर इन पर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। बीएसए को इसके लिए किसी से शिकायत का इंतजार है। उनका कहना है कि अगर कोई उनके पास आकर यह शिकायत करें कि बीईओ तैनाती स्थल पर नहीं रूकते हैं तो वह कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखे। यह हाल तब है जब बीएसए स्वयं बीईओ के न रूकने की बात पर सहमति जता रहे हैं। विभाग के मुखिया होने के नाते बीएसए को यह अधिकार है कि बीईओ की इस लापरवाही पर कार्रवाई करे। न की किसी शिकायत का इंतजार करें।

शाम होते ही निकल जाते घर

अपने गृह जनपद से तैनाती स्थल पर यह बीईओ टाइम बे टाइम पहुंचते हैं और शाम होते ही घर को निकल लेते हैं। जिससे परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। आलम यह है तमाम ब्लॉकों में शिक्षक कई-कई दिनों तक बिना अवकाश लिए स्कूलों से गायब बने रहते हैं। जिसका खुलासा भी डीएम द्वारा गंजमुरादाबाद के कई स्कूलों में कराई गई गोपनीय जांच में हुआ है। जहां के शिक्षक महीने भर तक बिना अवकाश के छुट्टी पर पाए गए। निलंबित भी हुए।

शिक्षकों पर तत्काल कार्रवाई तो बीईओ पर क्यों मेहरबान

बीईओ द्वारा स्कूलों का निरीक्षण कर बीएसए को जांच आख्या भेजी जाती है। शिक्षकों का उन मामलों पर निलंबन या फिर वेतन रोक दिया जाता है। जिसके जिम्मेदार वह होते ही नहीं है। आरोपों पर उनसे कोई स्पष्टीकरण भी नहीं लिया जाता है और तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर दी जाती है। वहीं बीईओ के न रूकने, तमाम शिक्षकों को अपने पीछे लगाए रखने आदि तमाम मनमाफिक कार्य किए जाने पर भी उच्चाधिकारी उन पर मेहरबानी बनाए रहते हैं। ऐसे में कार्रवाई के दायरे में आने वाले तमाम शिक्षक खुद को शोषित महसूस कर रहे हैं।

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