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शिक्षकों के मोबाइल पर विभागीय मोबाइल ऐप्स का कब्जा! मास्टर जी हुए डिजिटल

परिषदीय शिक्षकों के स्मार्ट फोन पर बेसिक शिक्षा विभाग के मोबाइल एप्स का कब्जा होता जा रहा है। हालात यह है कि कम रैम व रोम वाले फोन हैंग होने लगे हैं। अधिकांश कार्य मोबाइल फोन के जरिए होने के कारण शिक्षकों के सामने इन्हें इंस्टाल करने की मजबूरी है। नाम न छापने की शर्त पर शिक्षक बताते हैं कि आए दिन नए मोबाइल एप्स का प्रयोग होने से शिक्षण कार्य प्रभावित होने के साथ ही व्यक्तिगत जीवन भी प्रभावित हो रहा है।

कोरोनाकाल के दौरान से शुरू हुआ बेसिक शिक्षा का डिजीटाइजेशन अब तक जारी है। प्रेरणा पोर्टल जैसे आनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों के कार्यों को भले ही सम्पादित कर रहा है लेकिन शिक्षकों के मोबाइल फोन पर एप्स की आमद भी करा रहा है। बीते तीन सालों में शिक्षकों के स्मार्ट फोन में दीक्षा एप, डीबीटी पोर्टल समेत करीब दस मोबाइल एप्स इंस्टाल करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। एप्स की अधिकता के कारण फोन हैंग होने लगे हैं।


कक्षा शिक्षण हो रहा प्रभावित

शिक्षकों का कहना है कि विभाग में प्रेरणा पोर्टल जैसे आनलाइन प्लेटफार्म का स्वागत है। इससे अवकाश, वेतन व सर्विस बुक आनलाइन मोड में आ गए हैं। कार्यालयों की परिक्रमा कम हो गई है लेकिन कई मोबाइल एप्स शिक्षण कार्य पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। स्मार्ट फोन की कैपिसिटी, नेटवर्क व बैट्री जैसे कई बिन्दु हैं जो किसी एप के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या आम है। मैनुअली जो काम मिनटों में हो सकता है, एप्स के जरिए काफी समय लग जाता है।

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