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शिक्षकों के रिक्त पदों का प्रकाशन नहीं करने पर उठे सवाल

देवरियाः परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक संगठनों ने पदोन्नति के लिए रिक्त पदों का प्रकाशन नहीं करने पर सवाल उठाया है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि जून में शिक्षा निदेशक बेसिक को भेजी गई सूचना में 583 रिक्त पद दर्शाए गए थे। अब अचानक यह संख्या एक तिहाई कैसे हो गई। शिक्षक नेताओं ने रिक्त पदों का प्रकाशन नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।


बेसिक शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया फरवरी से चल रही है, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इधर फिर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हुई है। शिक्षक नेताओं का आरोप है कि बीएसए की ओर से पदों की संख्या को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं किया गया है। जिसके चलते सूची पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सका है। जबकि इसके लिए 16 दिसंबर तक पात्र शिक्षकों की सूची अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे।

बीएसए की ओर से 200 शिक्षकों के पदोन्नति सूची जारी की गई है। जिसको लेकर शिक्षकों में नाराजगी बढ़ गई है। उनका कहना है कि तत्कालीन बीएसए हरिश्चंद्रनाथ ने 23 जून 2023 को शिक्षा निदेशक बेसिक को पत्र भेजकर अवगत कराया था कि प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के तेरह व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के 470 पद रिक्त हैं।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संयोजक जयशिव प्रताप चंद व जिला सह संयोजक विवेक मिश्र का कहना है कि जब 483 पद रिक्त होने की सूचना शासन को भेजी गई है तो केवल दो सौ शिक्षकों के पदोन्नति की सूची क्यों जारी की गई है।

यदि जल्द इसका समाधान नहीं किया गया तो शिक्षक आमरण अनशन करने के लिए बाध्य होंगे। बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि जो पद होंगे। उसके अनुसार ही पदोन्नति की जाएगी।

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