हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के अंकपत्र व प्रमाणपत्र में त्रुटि संशोधन, मूल अंकपत्र व प्रमाणपत्र जारी करने सहित अन्य प्रकरणों के त्वरित निस्तारण में यूपी बोर्ड के समाधान पोर्टल ने नया रिकार्ड स्थापित किया है। छह जनवरी को स्थापित किए गए समाधान पोर्टल पर छात्र-छात्राओं की ओर से आवश्यक पत्रजात के साथ अपलोड समस्याओं को 15 दिन में निस्तारित करने की समयसीमा निर्धारित है। जहां वर्षों से लंबित करीब 60 हजार प्रकरणों के बोझ से यूपी बोर्ड कराह रहा था, वहीं अब स्थिति यह है कि छह जनवरी से पोर्टल पर प्रदेश भर से आए 1587 प्रकरणों में से 1247 निस्तारित कर दिए गए। जो प्रकरण शेष हैं, उसमें से अधिकांश 15 दिन के भीतर के हैं। सिर्फ मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय में 21 प्रकरण 15 दिन की समयसीमा में निस्तारित नहीं हो पाने से डिफाल्टर श्रेणी में हैं। शेष चार क्षेत्रीय कार्यालयों में निस्तारण प्रक्रिया अप-टू-डेट है।
अंकपत्र व प्रमाणपत्र में संशोधन, मूल एवं द्वितीय प्रति जारी कराने, अपूर्ण एवं त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल संशोधन, माइग्रेशन आदि जारी कराने के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों में भीड़ लगती थी। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने लंबित प्रकरणों की रिपोर्ट मंगाई
• पोर्टल पर आए 1587 प्रकरणों में 1247 निस्तारित, शेष में ज्यादातर नए प्रकरण
• क्षेत्रीय कार्यालय मेस्ट में 21 प्रकरण डिफाल्टर, शेष चार कार्यालय अप टू डेट
तो करीब 60 हजार प्रकरण मिले। पहले इन लंबित प्रकरणों को निस्तारित कराने के लिए यूपी बोर्ड पहली बार जिलों में गया, वहां कैंप लगाकर दस्तावेज जुटाकर प्रकरण तेजी से निस्तारित कराए। इसके बाद अब नए प्रकरण लंबित न होने पाएं और उसकी नियमित मानीटरिंग हो सके, इसके लिए बोर्ड सचिव ने छह जनवरी को यह व्यवस्था आनलाइन करते हुए समाधान पोर्टल samadhan.upmsp. edu.in का शुभारंभ किया। इस पर आने वाले प्रकरणों के निस्तारण की क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिव तथा बोर्ड मुख्यालय के अधिकारी निगरानी कर रहे हैं। छह जनवरी से अब तक सभी पांच क्षेत्रीय कार्यालयों प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बेरली एवं मेरठ को मिलाकर 1587 प्रकरण पोर्टल पर अपलोड किए गए, जिसमें से 1247 निस्तारित कर बोर्ड ने नया शिखर छुआ है
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