यूपी सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में प्रदेश के टीचरों को लेकर आंकड़ा पेश किया। जिसके मुताबिक यूपी में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के 85,152 पद खाली हैं। यूपी सरकार ने कहा कि इसके बावजूद शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मिलाकर छात्र-शिक्षक का अनुपात पूरा है और पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य अनिल प्रधान और अभय सिंह के प्रश्नों का जवाब देते हुए यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने ये बात बताई।
उन्होंने बताया, ''वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षामित्र और अनुदेशक दोनों पढ़ाई में सहयोग करते हैं। विभाग में अंशकालिक अनुदेशक, शिक्षा मित्र और सहायक अध्यापकों को मिलाकर वर्तमान में शिक्षकों की संख्या 6,28,915 है। अनुपात पूरा है और पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं है।'' एक पूरक प्रश्न के जवाब में संदीप सिंह ने यह भी कहा कि उनकी सरकार में 2017 से लेकर अभी तक 1,26,371 नये शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है।''
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 4,17,886 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के 85,152 पद रिक्त हैं। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में नामांकित छात्र संख्या 1,05,06,379 हैं और कार्यरत अध्यापकों की संख्या 3,32,734 है। इस प्रकार छात्र-शिक्षक अनुपात 31:1 (31 छात्र पर एक शिक्षक) है। योगी सरकार के मंत्री ने दावा किया कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की संख्या 1,47,766 को सम्मिलित करते हुए छात्र-शिक्षक अनुपात 21:1 है जो मानक के अनुसार पूर्ण है।
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