लखीमपुर खीरी के निघासन ब्लॉक के 30 स्कूलों में बाढ़ का पानी भरा है। पढ़ाई ठप है और शिक्षक भी नहीं आ रहे हैं। हैरत की बात यह कि बीईओ निघासन को यह पता ही नहीं कि कितने स्कूलों में पानी भरा है। बाढ़ वाले स्कूलों में शिक्षकों के आने संबंधी डीएम का आदेश भी बेअसर साबित हो रहा है।
ब्लॉक के लुधौरी, खमरिया, दौलतपुर, धोबीपुरवा, मुन्नापुरवा, सुरजीपुरवा, रुपनपुरवा, तमोलिन पुरवा, चंदनपुरवा, गौढ़ीपुरवा, बैलहा, मदनापुर, लालबोझी, डीह आदि प्राथमिक विद्यालय में बाढ़ का पानी भरा है। इन स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई ठप है। बाढ़ से पूर्व हुई तैयारियों संबंधी बैठक में डीएम ने बाढ़ प्रभावित स्कूलों के बच्चों की शिक्षा के इंतजाम करने के निर्देश बीएसए को दिए थे।
राहत शिविर में शिक्षण व्यवस्था करने को कहा था। पढ़ाई के इंतजाम तो दूर, निघासन बीईओ को बाढ़ प्रभावित स्कूलों की जानकारी ही नहीं है। ग्रामीण विजय पाल, मनोहर, समशाद, जगदीश आदि का आरोप है कि स्कूल में पानी भरा है। कोई भी शिक्षक स्कूल में नहीं आया और न ही बाढ़ राहत केंद्र पर शिक्षक देखे गए हैं।
बीईओ फूलचंद ने बताया कि अभी तक जानकारी नहीं हुई है कि कितने स्कूलों में पानी भरा है। तहसीलदार से पूछ कर बताऊंगा।
बाढ़ प्रभावित 100 गांवों की बिजली बाधित
बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता विमल गौतम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 100 गांवों की बिजली अधिक पानी भरा होने के कारण कटी है। बिजली न आने और घरों के अंदर पानी भरा होने के कारण जीवजंतुओं का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने केरोसीन तो पहले से ही बंद कर दिया है। मोमबत्ती की व्यवस्था न होने के कारण बाढ़ पीड़ित अंधेरे में रात गुजारने को विवश हैं।
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