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विद्यार्थियों को डीबीटी दिलाने में जिला सबसे पीछे

पीलीभीत। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण पोर्टल (डीबीटी) पर परिषदीय विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों के आधार वेरिफिकेशन में लापरवाही बरती जा रही है। इसलिए बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को डीबीटी का लाभ नहीं मिल सका है, ऐसे में पीलीभीत की स्थिति भी खराब है। यहां अब भी पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों को डीबीटी का लाभ नहीं मिल पाया है।


डीबीटी को लेकर विभिन्न स्तर से बरती जा रही लापरवाही के संबंध में शासन स्तर से नाराजगी जताई गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने मंगलवार को विद्यालय स्तर की पेंडेंसी में सुधार नहीं होने पर असंतोष जताया। उन्होंने संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी डीबीटी की प्रगति रिपोर्ट को देखें और लंबित कार्यों को जल्द पूरा करें।

डीबीटी डाटा फीड करने में विद्याथियों का आधार नहीं होना, आधार वेरिफाई नहीं होना शामिल हैं। वहीं शिक्षक, खंड शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी स्तर से भी बड़ी संख्या में डाटा पेंडिंग पड़ा है। मंडल में सबसे खराब स्थिति बदायूं की है, जहां पंजीकृत 3,03,752 विद्यार्थियों में से 34,788 का डाटा अब भी पेंडिंग हैं। इसके विपरीत सबसे कम पेंडेंसी मंडल मुख्यालय पर हैं, जहां पंजीकृत 2,78,372 बच्चों में से 7,070 का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है।

बता दें कि कक्षा एक से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को डीबीटी के लाभ स्वरूप 1200 रुपये दिए जाते हैं। इससे वे स्टेशनरी, यूनिफाॅर्म, जूता मोजा और स्कूल बैग खरीदते हैं। नया सत्र शुरू होने के करीब पांच माह बाद भी विभाग की ओर से इसके प्रति सुस्त रवैया अपनाया जा रहा है। इससे पहले भी शिक्षा महानिदेशक ने समीक्षा करते हुए डीबीटी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए थे।

मंडल का आंकड़ा


जिला छात्र पंजीकरण पेंडेंसी


बरेली 2,78,372 7,070


पीलीभीत 1,66,775 5,428


शाहजहांपुर 3,13,911 24,344


बदायूं 3,03,752 34,788

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