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कहीं बच्चे लगा रहे झाड़ू तो कहीं स्कूल के गेट बंद मिलने पर लौट जाते हैं घर

मेरठ जिले के दो प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों का भविष्य अंधकार में है। हस्तिनापुर विकासखंड क्षेत्र के दबखेड़ी गांव का प्राथमिक विद्यालय तीन दिन से बंद है और पावलीखास के प्राइमरी स्कूल में बच्चों से झाड़ू लगवाई जा रही है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक समय से नहीं आते हैं और कभी भी स्कूल बंद कर देते हैं।



दबखेड़ी गांव के प्राइमरी स्कूल में 11 बच्चे पंजीकृत हैं और दो शिक्षक हैं। ग्रामीण मक्खन सिंह ने बताया कि पिछले तीन दिनों से शिक्षक स्कूल में नहीं आ रहे हैं। बच्चे गेट पर खड़े रहते हैं, लेकिन शिक्षकों के न आने पर घर लौट जाते हैं।

स्कूल में एक प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक तैनात हैं। बताया जा रहा है कि सहायक अध्यापक पिछले तीन दिनों से प्रशिक्षण पर हैं और प्रधानाध्यापक बिना सूचना दिए लापता हैं। फोन भी नहीं उठा रहे।

छात्र-छात्राओं का आरोप है कि स्कूल की सफाई और झाड़ू लगाने का काम भी उन्हें ही करना पड़ता है। खंड शिक्षा अधिकारी कमल राज ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर स्कूल का निरीक्षण किया गया था। प्रधानाध्यापक और शिक्षक अनुपस्थित थे। इसकी रिपोर्ट कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भेजी गई है।

लोग बोले-दीवार से बच्चे गिर जाएं तो कौन होगा जिम्मेदार


पावलीखास गांव के स्कूल में 80 बच्चे पढ़ते हैं और छह शिक्षक तैनात हैं। मंगलवार को छात्र स्कूल की छत पर झाड़ू लगा रहे थे। झाड़ू लगाने का वीडियो एक ग्रामीण ने मोबाइल में कैद कर लिया।


वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। स्कूल के पास से ही हाईटेंशन लाइन जा रही है। ग्रामीणों ने स्कूल छत पर छात्रों द्वारा लगाई जा रही झाड़ू का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा छत से गिर जाए तो काैन जिम्मेदार होगा।

वायरल वीडियो की जानकारी नहीं है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। बच्चों ने छत पर झाड़ू क्यों लगाई, कारण पता किया जाएगा। दबखेड़ी का प्राथमिक विद्यालय तीन दिनों से बंद है, यह गंभीर मामला है। प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जाएगी। - आशा चौधरी, बीएसए

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