प्रयागराज। यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू हो जाएगी। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए केंद्र निर्धारण में काफी सतर्कता बरती जाएगी। यूपी बोर्ड ने केंद्र निर्धारण की नियमावली जारी कर दी है।
इस वार प्रबंधकीय विवाद वाले विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा विद्यालयों के मध्य परीक्षार्थियों का पारस्परिक आवंटन नहीं किया जाएगा।
केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए कमेटी
बना दी गई है। प्रत्येक केंद्र पर कम से 250 और अधिकतम 2000 परीक्षार्थी आवंटित किए जाएंगे। केंद्र बनाते समय यह देखा जाएगा कि एक परीक्षार्थी के लिए 20 वर्गफीट क्षेत्रफल होना चाहिए। इसी मानक के अनुसार परीक्षार्थियों का आवंटन किया जाएगा। पिछले वर्ष अधिकतम 1500 परीक्षार्थियों पर केंद्र बनाए गए थे। इस बार परीक्षार्थी की संख्या बढ़ाई गई, इससे केंद्रों की संख्या कम हो सकती है।
नकल रोकने के उपाय के क्रम में विवादित एडेड विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। प्रदेश में 4512 एडेड विद्यालय हैं। इसमें से करीब पांच सौ के विवाद कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। इसके अलावा हर जिले में पांच से दस विद्यालयों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य के विवाद डीआईओएस स्तर पर लंबित हैं। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि एक ही प्रबंधक वाले विद्यालय के छात्र-छात्राओं का केंद्र उसके अधीन संचालित दूसरे विद्यालय में नहीं बनाया जाएगा। बालिका विद्यालयों में बालकों का सेंटर नहीं बनाया जाएगा.
बालकों का केंद्र 12 किमी तक बनाया जाएगा। विषय परिस्थितियों में इसकी दूरी 15 किमी तक हो सकती है। बालिकाओं का केंद्र अधिकतम सात किमी किमी दूर बनाया जाएगा।
प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के रहेंगे कड़े इंतजाम
केंद्र निर्धारण के समय ही प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के इंतजाम कर दिए जाएंगे। विद्यालय के प्रवेश द्वार, प्रत्येक कक्ष, प्रश्नों और उत्तर पुस्तिकाओं को रखने वाले कमरे में वायर रिकॉर्डिंग वाला सीसीटीवी अनिवार्य है। प्रधानाचार्य कक्ष से अलग वायस रिकॉर्डिंग, नाइट विजन युक्त सीसीटीवी वाला सुरक्षित स्ट्रांग रूम होना चाहिए। प्रत्येक विद्यालय से हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टीविटी भी जरूरी है। सीसीटीवी के डीवीआर में रिकार्डिंग क्षमता 30 दिनों की होनी चाहिए।
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