प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति हो तो गई है, लेकिन उन्होंने अब तक ज्वाइन नहीं किया है। आयोग की भर्ती परीक्षाओं के कैलेंडर से लेकर लंबित परीक्षाओं के आयोजन को लेकर होने वाले निर्णयों में परीक्षा नियंत्रक की भूमिका ही सबसे महत्वपूर्ण होगी। परीक्षा नियंत्रक के इंतजार में कई महत्वपूर्ण निर्णय अटके हैं।
परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति संबंधी आदेश 23 सितंबर 2024 को जारी किया गया था। शासन ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह को शिक्षा सेवा चयन आयोग का परीक्षा नियंत्रक नियुक्त किया है। उन्हें तीन वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। इसके लिए मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से अनापत्ति भी प्रदान की जा चुकी है।
ऐसे में उनकी नियुक्ति को कोई बाधा नहीं है। हालांकि, नियुक्ति संबंधी आदेश जारी होने के 10 दिन बाद भी परीक्षा नियंत्रक ने अभी ज्वाइन नहीं किया है। आयोग को परीक्षा कैलेंडर जारी करना है।
साथ ही अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी के 4163 पदों और अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर लंबित भर्ती परीक्षाओं की तिथियां घोषित करनी हैं। आवेदन करने वाले 14 लाख से अधिक अभ्यर्थी इसके लिए इंतजार कर रहा है।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि परीक्षा कैलेंडर हो या लंबित भर्ती परीक्षाओं पर निर्णय, इनमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका परीक्षा नियंत्रक की होती है। दो दिन पहले आयोग में हुई अध्यक्ष, सदस्यों, सचिव और अन्य अफसरों की बैठक में परीक्षा कैलेंडर-लंबित परीक्षाओं के आयोजन को लेकर विचार-विमर्श किया गया था। परीक्षा नियंत्रक के ज्वाइन करने के बाद इस पर अंतिम
निर्णय लिया जाएगा
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