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48 स्कूलों में बनाई लैब पढ़ाने को अनुदेशक नहीं

प्रयागराज, कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं के कौशल विकास के लिए 20.76 लाख रुपये से जिले के 48 उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में प्रयोगशाला तो स्थापित कर ली गई है लेकिन इन बच्चों को सिखाने के लिए अनुदेशकों का चयन अब तक नहीं हो सका है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने पिछले वर्ष नौ सितंबर को ही तकनीकी अनुदेशकों के चयन के आदेश दिए थे लेकिन छह महीने बाद भी चयन नहीं हो सका है।


प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों में प्रयोगशाला उपकरण खरीदने के लिए दो चरणों में 14,480 और 28,770 कुल 43,250 रुपये दिया है। उपकरणों की खरीद भी हो चुकी है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को तकनीकी अनुदेशकों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से करना है लेकिन छह महीने में भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। जानकारों की मानें तो यह स्थिति केवल प्रयागराज में ही प्रदेश के दो-चार जिलों को छोड़ दें तो अधिकांश जिलों में अनुदेशक चयन नहीं हो सका है। प्रदेश में 1772 स्कूल इस कार्यक्रम के तहत चुने गए हैं। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी का कहना है कि चयन की कार्यवाही चल रही है।

2402 अनुदेशकों का होना है चयन: प्रदेशभर के 886 विकासखंडों में कुल 2402 तकनीकी अनुदेशकों का चयन होना है। इनमें इंजीनियरिंग और वर्कशॉप ट्रेड, एनर्जी एंड इन्वायमेंट ट्रेड, एग्रीकल्चर, नर्सरी एंड गार्डनिंग और होम एंड हेल्थ ट्रेड शामिल है। अनुदेशकों को 10450 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा।

कई प्रयोग और गतिविधियां करेंगे बच्चे

इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को कई प्रकार के प्रयोग और गतिविधियां कराई जाएंगी। किट की मदद से मिट्टी और जल का परीक्षण, सोलर कार और कुकर बनाना, एलईडी टॉर्च, टेलिस्कोप, प्लास्टिक बोतल से खिलौना, पीवीसी पाइप से उपयोगी मॉडल, मोबाइल प्रोजेक्टर आदि सिखाया जाएगा।

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