👇Primary Ka Master Latest Updates👇

मास्टरों का गांव: बुलंदशहर का सांखनी, जहां 700 घरों में 400 लोग हैं शिक्षक

बुलंदशहर, 2 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक ऐसा गांव है, जो अपनी अनोखी पहचान के लिए पूरे देश में मशहूर है। इस गांव का नाम है सांखनी, जिसे 'मास्टरों का गांव' कहा जाता है। यहां के 700 घरों में से लगभग 400 लोग शिक्षक हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे हैं। यह गांव जहांगीराबाद से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और शिक्षा के प्रति समर्पण का एक जीवंत उदाहरण पेश करता है।

गांव का ऐतिहासिक और भौगोलिक परिचय

सांखनी गांव का इतिहास काफी पुराना है। 1859 के रिकॉर्ड के अनुसार, इस गांव का क्षेत्रफल 1271 एकड़ है। वर्तमान में यहां 600 से 700 घर हैं और आबादी 15,000 से 18,000 के बीच है। गांव के निवासियों ने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया है, जिसके परिणामस्वरूप आज यह गांव शिक्षकों की बहुतायत के लिए जाना जाता है।

शिक्षा के प्रति समर्पण

सांखनी गांव ने अब तक 300 से 350 स्थायी सरकारी शिक्षक दिए हैं, जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्राइमरी, टीजीटी, पीजीटी शिक्षक, स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा, 60 से 70 लोग गेस्ट टीचर, ट्यूटर और स्पेशल एजुकेटर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गांव के लगभग हर परिवार में कोई न कोई शिक्षक है, जो शिक्षा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गांव की अनोखी परंपरा

यहां की खास बात यह है कि शिक्षा का जुनून पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है। गांव के लोग न केवल अपने बच्चों को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि शिक्षा के महत्व को समझते हुए समुदाय के स्तर पर भी इसे बढ़ावा देते हैं। गांव में शिक्षा का माहौल इतना सकारात्मक है कि बच्चे शुरू से ही पढ़ाई में रुचि लेते हैं और शिक्षक बनने का सपना देखते हैं।

बुलंदशहर में शिक्षा की स्थिति

बुलंदशहर जिला, जो गंगा और यमुना नदियों के बीच बसा है, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध रहा है। सांखनी जैसे गांव इस जिले की शैक्षिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। जिले में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, और सांखनी गांव इस दिशा में एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है।

सांखनी गांव न केवल बुलंदशहर बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। यह गांव साबित करता है कि शिक्षा के प्रति समर्पण और सामुदायिक प्रयास किसी भी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। 700 घरों में 400 शिक्षकों की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि सांखनी गांव वास्तव में 'मास्टरों का गांव' है। यह गांव हमें सिखाता है कि शिक्षा ही वह आधार है, जो समाज को सशक्त और समृद्ध बनाता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Politics news of India | Current politics news | Politics news from India | Trending politics news,