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दूसरे दिन भी सामान्य अध्ययन के प्रश्नों में उलझे रहे अभ्यर्थी, असिस्टेंट प्रोफेसरों के 910 पदों पर चयन की परीक्षा संपन्न, विषय का प्रश्नपत्र औसत

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 910 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा गुरुवार को संपन्न हो गई। खास बात यह कि दूसरे दिन भी अभ्यर्थियों को सामान्य अध्ययन के प्रश्नों ने उलझाया। हिन्दी समेत अधिकांश विषयों के प्रश्न औसत थे तो वहीं प्राचीन इतिहास व कुछ अन्य विषयों के प्रश्न अभ्यर्थियों को कठिन लगे।


जगत तारन गर्ल्स इंटर कॉलेज से परीक्षा देकर निकले रायबरेली के प्रशांत शुक्ला ने बताया कि पेपर अच्छा था। जिसने पुराने प्रश्नपत्र हल किए होंगे उन्हें आसानी हुई होगी। सामान्य अध्ययन के प्रश्नों का स्तर अच्छा था। जिसने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी की होगी उनका जीएस का पेपर अच्छा गया होगा। कटऑफ 75 से 80 तक जाने का अनुमान है।

जौनपुर हरिश्चन्द्र यादव के अनुसार हिन्दी का प्रश्नपत्र कठिन नहीं था। जौनपुर के ही महेन्द्र कुमार चौरसिया के अनुसार विषय के प्रश्न विचार पर केंद्रित थे। हालांकि आधुनिक रचनाएं और पुरस्कार से जुड़े प्रश्न नहीं थे। जौनपुर के ही चन्द्रकेश मिश्रा और डॉ. कपिलदेव शर्मा को भी जीएस के प्रश्न स्तरीय और हिन्दी के प्रश्न आसान लगे। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से गुरुवार को पहली पाली में प्राचीन इतिहास, शिक्षाशास्त्र, भौतिक विज्ञान, वाणिज्य, मानवशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, संगीत तबला और दूसरी पाली में संगीत गायन, हिंदी, उर्दू, दर्शनशास्त्र, सांख्यिकी, प्राणिविज्ञान, विधि, पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान की परीक्षा कराई गई।

कंट्रोल रूम से निगरानी करते रहे अफसर

प्रयागराज। असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के दोनों दिन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय, सचिव मनोज कुमार, परीक्षा नियंत्रक डीपी सिंह समेत सभी सदस्य आयोग परिसर में बने कंट्रोल रूम से सभी 52 केंद्रों की निगरानी करते रहे। जहां कोई अंदेशा होता तो पर्यवेक्षकों और केंद्र व्यवस्थापकों से संपर्क कर आवश्यक निर्देश देते रहे। उप सचिव डॉ. शिवजी मालवीय के अनुसार तकनीक का उपयोग करते हुए परीक्षा कराई गई।

56.61 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के लिए प्रयागराज, मेरठ, गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी और आगरा के कुल 52 केंद्रों पर दूसरे दिन 56.61 प्रतिशत अभ्यर्थी उपस्थित हुए। पहली पाली में 20966 अभ्यर्थियों में से 11124 (53.06 प्रतिशत) उपस्थित हुए और 9842 गैरहाजिर थे। प्रयागराज में 4794 अभ्यर्थियों में से 2790 (58.2 प्रतिशत), वाराणसी 2689 में से 1499 (55.75 फीसदी), मेरठ 4752 में से 2262 (47.6 प्रतिशत), आगरा 2376 में से 1207 (50.8 फीसदी), लखनऊ 3017 में से 1518 (50.31 प्रतिशत) जबकि गोरखपुर 3338 में से 1848 (55.36 फीसदी) अभ्यर्थी उपस्थित हुए। दूसरी पाली में 20784 अभ्यर्थियों में से 12504 (60.16 फीसदी) उपस्थित हुए और 8280 गैरहाजिर थे। प्रयागराज में 4772 अभ्यर्थियों में से 2957 (61.97 प्रतिशत), वाराणसी 3288 में से 2200 (66.91 फीसदी), मेरठ 2928 में से 1522 (51.98 प्रतिशत), आगरा 1656 में से 851 (51.39 फीसदी), लखनऊ 3436 में से 1973 (57.42 प्रतिशत) जबकि गोरखपुर 4704 में से 3001 (63.8 फीसदी) अभ्यर्थी उपस्थित हुए।

बुकलेट नंबर नहीं, छात्रों की आपत्ति

प्रयागराज। हिन्दी के प्रश्नपत्र पर बुकलेट संख्या नहीं होने पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति की। जगत तारन इंटर कॉलेज केंद्र से परीक्षा देकर निकले चन्द्रकेश मिश्रा और डॉ. कपिलदेव शर्मा ने बताया कि बुकलेट पर सीरियल नंबर जैसे ए बी सी या डी नहीं लिखा था। उनका कहना था कि आयोग किस आधार पर उत्तरकुंजी जारी करेगा। सभी परीक्षाओं की क्वेश्चन बुकलेट पर नंबरिंग पड़ी होती है। जब अलग-अलग बुकलेट में प्रश्नों का क्रम भिन्न है तो आखिरकार किस आधार पर उत्तरकुंजी जारी होगी। हालांकि इस संबंध में आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय का कहना है कि क्वेश्चन बुकलेट शासनादेश के अनुसार तैयार कराई गई है इसमें कहीं कोई त्रुटि नहीं है।

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