Salary Hike: सातवें वेतन आयोग का समय पूरा होने वाला है, ऐसे में सवा करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि नए वेतन आयोग के लागू होने पर उनकी सैलरी और पेंशन पर कितना असर पड़ेगा?
8th Pay Commission: अगर आप खुद केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं या आपके परिवार में कोई केंद्रीय कर्मचारी है तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, केंद्र की मोदी सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को लेकर घोषणा की है. इसके बाद से फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा तेज हो गई है. फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीप्लायर है, जिससे नई बेसिक पे तय होती है. जब सातवें वेतन आयोग का समय पूरा होने वाला है, ऐसे में सवा करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि नए वेतन आयोग के लागू होने पर उनकी सैलरी और पेंशन पर कितना असर पड़ेगा?
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने जारी किये दो सर्कुलर
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार सरकार जल्द 8वें वेतन आयोग से जुड़े नियम और शर्तों को लेकर जानकारी जारी करेगी. इसके बाद आयोग के चेयरमैन और मेंबर नियुक्त किये जाएंगे. पिछले महीने फाइनेंस मिनिस्ट्री ने दो सर्कुलर जारी कर बताया था कि आयोग के लिए 40 कर्मियों की नियुक्ति से जुड़ा प्रोसेस चल रहा है. इनमें से अधिकतर पदों को अलग-अलग विभाग के अधिकारियों से भरा जाएगा.
फिटमेंट फैक्टर 2.86 की मांग
कर्मचारी संगठनों की तरफ से लगातार ऊंचे फिटमेंट फैक्टर की मांग की जा रही है. कुछ संगठन फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर 2.86 करने की मांग कर रहे हैं ताकि सैलरी और पेंशन में अच्छा इजाफा हो सके. लेकिन यह संभावना कम ही है कि सरकार इस मांग पर सहमत हो. पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने कहा कि 2.86 जैसी बड़ी हाइक तो संभव नहीं है. लेकिन सरकार फिटमेंट फैक्टर 1.92 के करीब रख सकती है. नए फिटमेंट फैक्टर के साथ लागू होने वाला नया आयोग 7वें वेतन आयोग की जगह लेगा.
वास्तविक वेतन वृद्धि कितनी होगी?
फिटमेंट फैक्टर को बेसिक पे पर लागू किया जाता है. उदाहरण के लिए यदि आयोग 1.92 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करता है तो न्यूनतम बेसिक पे 18000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगी. यह संख्या देखने में बड़ी लगती है, लेकिन जानकारों का कहना है कि फिटमेंट फैक्टर का बड़ा हिस्सा इंफ्लेशन एडजस्टमेंट के लिए जाता है. इसका सीधा सा मतलब हुआ कि एक्चुअल सैलरी ग्रोथ इससे कम होगी. सीधा सा मतलब यह हुआ कि 2.86 का आंकड़ा भले ही बड़ा लगे लेकिन एक्चुअल बेनिफिट कम हो सकता है.
छठे वेतन आयोग में 1.86 रहा फिटमेंट फैक्टर
आपको बता दें छठे वेतन आयोग (2006) के तहत फिटमेंट फैक्टर 1.86 था. लेकिन एक्चुअल सैलरी ग्रोथ करीब 54% की थी. वहीं, 7वें वेतन आयोग (2016) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन असल सैलरी हाइक महज 14.2% थी. इसका कारण यह था कि 7वें आयोग का ज्यादातर फिटमेंट महंगाई भत्ते (DA) को एडजस्ट करने में चला गया. इससे साफ है कि फिटमेंट फैक्टर का गणित इतना आसान नहीं है.
कर्मचारियों की उम्मीदें
कर्मचारी और पेंशनर्स की तरफ से उम्मीद की जा रही है कि आठवें वेतन आयोग में उनकी सैलरी में अच्छी ग्रोथ होगी. लेकिन जानकारों का कहना है कि महंगाई एडजस्टमेंट के बाद एक्चुअल ग्रोथ उम्मीद से कम हो सकती है. सरकार को कर्मचारियों की मांग और आर्थिक स्थिति के बीच संतुलन बनाना होगा. 8वां वेतन आयोग न केवल कर्मचारियों बल्कि पूरे सरकारी ढांचे के लिए अहम होगा.
0 टिप्पणियाँ